क्या 55 सालों में पहली बार बिना मुख्य अतिथि के आयोजित होगा गणतंत्र दिवस समारोह?
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी के बीच देश में आगामी 26 जनवरी को आयोजित किए जाने वाले 72वें गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियां शुरू हो गई है।
अपनी परंपरा के अनुसार भारत ने यूनाइटेड किंगडम (UK) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को आमंत्रित किया था, लेकिन महामारी के चलते उन्होंने अपना दौरा निरस्त कर दिया है।
ऐसे में अब भारत में 55 साल में पहली बार बिना किसी मुख्य अतिथि के ही गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित होने की आशंका बढ़ गई है।
इतिहास
गणतंत्र दिवस पर विदेशी प्रतिनिधि को बुलाने की रही है परंपरा
बता दें कि भारत में गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में विदेशी प्रतिनिधि को बुलाने की परंपरा रही है।
26 जनवरी, 1950 को लाल किले पर आयोजित किए गए पहले गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णों को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
हालांकि, राजपथ पर 1955 में आयोजित हुए पहले समारोह में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था।
अपवाद
बिना मुख्य अतिथि के आयोजित हुए तीन समारोह
ऐसा नहीं है कि भारत में सभी गणतंत्र दिवस समारोह पर विदेशी प्रतिनिधि मुख्य अतिथि के रूप में आए हैं।
गणतंत्र दिवस के 72 सालों के इतिहास में तीन मौके ऐसे आए थे, जब किसी भी विदेशी प्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया गया था।
इसमें साल 1952 और 1953 तथा 1966 में किसी भी विदेशी प्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया था।
11 जनवरी, 1966 को प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के निधन के कारण प्रतिनिधि को निमंत्रण नहीं दिया गया था।
निमंत्रण
इस बाद UK के प्रधानमंत्री जॉनसन को किया था आमंत्रित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 27 नवंबर को भारतीय परंपरा के अनुसार UK के प्रधानमंत्री जॉनसन से फोन पर वार्ता कर उन्हें गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था।
इसके बाद 15 दिसंबर को प्रधानमंत्री जॉनसन ने निमंत्रण को स्वीकार करते हुए भारत आने के लिए हामी भर दी थी।
उस दौरान उन्होंने कहा था कि भारत के आगामी दौरे को लेकर वह काफी उत्साहित हैं। इससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे।
निरस्त
बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते प्रधानमंत्री जॉनसन ने निरस्त किया दौरा
गत 5 जनवरी को प्रधानमंत्री जॉनसन ने देश में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के कारण तेजी से बढ़ते संक्रमण और UK में लागू किए गए लॉकडाउन को देखते हुए अपने भारत दौरे को निरस्त कर दिया था।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर वार्ता कर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भारत आने को लेकर असमर्थता जताई थी। उन्होंने कहा था कि कोरोना महामारी के कारण वह तय कार्यक्रम के अनुसार भारत आने में असमर्थ हैं।
संभावना
बिना मुख्य अतिथि के गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित करने की बढ़ गई संभावना
प्रधानमंत्री जॉनसन के अंतिम समय में अपना भारत दौरा निरस्त करने के बाद अब इस बार बिना मुख्य अतिथि के ही गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित करने की संभावनाएं बढ़ गई है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सरकार के सूत्रों की माने तो महामारी के दौर में दूसरे देश के नेता को आमंत्रित करना मुश्किल होगा और अब नियमंत्रण के लिए समय भी कम बचा है। इसी तरह एक प्रतिनिधि के मना करने पर दूसरे को आमंत्रित करना कूटनीति के खिलाफ है।
योजना
समारोह को किया जा सकता है छोटा
सरकारी सूत्रों के अनुसार अब गणतंत्र दिवस समारोह को भी अगस्त में कोरोना महामारी के बीच आयोजित किए गए स्वतंत्रता दिवस समारोह की तरह छोटा किया जा सकता है।
यदि ऐसा होता है तो 1966 के बाद 55 सालों में ऐसा पहली बार होगा जब मुख्य अतिथि के रूप में किसी विदेशी प्रतिनिधि के बिना समारोह आयोजित किया जाएगा।
हालांकि, सरकार ने इसकी आधिकारी पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन महामारी के बीच ऐसा होना संभव है।
विकल्प
दो बार विकल्प के रूप में बुलाए जा चुके हैं मुख्य अतिथि
बता दें कि 2013 में ओमान के सुल्तान कबूस बिन सईद अल सैद के संचार मुद्दों के कारण नहीं आने पर भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
इसी तरह 2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नहीं आने पर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को आमंत्रित किया था, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के बीच अन्य प्रतिनिधि को बुलाना संभव नहीं है।