निर्भया कांड: 16 दिसंबर, 2012 से लेकर 14 जनवरी, 2019 तक, कब-कब क्या हुआ?
निर्भया कांड में फांसी की सजा पाए चार में दो दोषियों की क्यूरेटिव पिटिशन 14 जनवरी को खारिज हो गई। अब इनके पास राष्ट्रपति को दया याचिका भेजने का विकल्प बचा है। अगर राष्ट्रपति याचिका खारिज कर देते हैं तो इनका फांसी पर लटकना तय है। अभी कोर्ट ने इन्हें 22 जनवरी को फांसी देने की तारीख तय की है। आज हम आपको 16 दिसंबर, 2012 से 14 जनवरी, 2020 तक के पूरे घटनाक्रम के बारे में बताएंगे।
16 दिसंबर, 2012 को हुआ था निर्भया के साथ गैंगरेप
16 दिसंबर, 2012- 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा के साथ चलती बस में छह दरिंदो ने हैवानियत की। पीड़िता को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। 17 दिसंबर- दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर देशभर में विरोध-प्रदर्शन शुरू। पुलिस ने बस ड्राइवर की पहचान की। 18 दिसंबर- एक आरोपी और तीन अन्य लोग गिरफ्तार किए गए। 20 दिसंबर- घटना के समय पीड़िता के साथ बस में सवार उसके दोस्त ने गवाही दी।
21 दिसंबर को दबोचा गया घटना में शामिल नाबालिग
21 दिसंबर- पुलिस ने घटना में शामिल नाबालिग को दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे से दबोचा। पीड़िता के दोस्त ने एक आरोपी की पहचान की। पुलिस ने छठे आरोपी की तलाश के लिए हरियाणा और बिहार में छापेमारी की। 22 दिसंबर- बिहार के औरंगाबाद से छहे आरोपी की गिरफ्तारी हुई। पीड़िता ने SDM के सामने अपने बयान रिकॉर्ड कराए। 23 दिसंबर- विरोध प्रदर्शन तेज हुए। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करते समय दिल्ली पुलिस के एक कर्मचारी को गंभीर चोट आई।
29 दिसंबर, 2012 को पीड़िता ने दम तोड़ा
25 दिसंबर- पीड़िता की हालत गंभीर हुई। घायल पुलिसकर्मी ने दम तोड़ा। 26 दिसंबर- पीड़िता का दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद सरकार ने उसे सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ हॉस्पिटल में भर्ती कराया। 29 दिसंबर- इलाज के दौरान पीड़िता ने दम तोड़ा। पुलिस ने FIR में हत्या की धारा जोड़ी। 2 जनवरी, 2013- तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश (CJI) अल्तमस कबीर ने यौन अपराध के मामलों के निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का उद्घाटन किया।
जनवरी, 2013 में शुरू हुई मामले की सुनवाई
3 जनवरी, 2013- पुलिस ने हत्या, गैंगरेप, हत्या की साजिश, अपहरण और डकैती के आरोपों में पांच व्यस्क आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। 5 जनवरी- अदालत ने चार्जशीट का संज्ञान लिया। 7 जनवरी- अदालत ने कार्यवाही को रिकॉर्ड करने का आदेश दिया। 17 जनवरी- फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पांच व्यस्क आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू की। 28 जनवरी- जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने छठे आरोपी के नाबालिग होने की पुष्टि की।
दोषियों को मिली मौत की सजा
13 सितंबर- अदालत ने चारों दोषियों को मौत की सजा दी। 23 सितंबर- हाई कोर्ट ने दोषियों को मिली मौत की सजा पर सुनवाई शुरू की। 13 मार्च, 2014- हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का फैसला बरकरार रखा। 15 मार्च- दोषियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फांसी देने पर रोक लगाई। 3 फरवरी, 2017- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोषियों को फांसी देने के मामले पर नए सिरे से सुनवाई करेगी।
एक दोषी ने जेल में आत्महत्या की
2 फरवरी- फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पांचों व्यस्क आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए। 28 फरवरी- जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग के खिलाफ आरोप तय किए। 11 मार्च- पांच आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या की। 22 मार्च- दिल्ली हाई कोर्ट ने मीडिया को अदालत की कार्यवाही की रिपोर्टिंग की इजाजत दी। 8 जुलाई- फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज किए।
चार आरोपियों का दोष हुआ साबित
11 जुलाई- जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग को एक 16 दिसंबर की रात को ही एक लूटपाट के मामले में दोषी ठहराया। 22 अगस्त- फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चार व्यस्क आरोपियों के खिलाफ अंतिम बहस की सुनवाई शुरू की। 31 अगस्त- जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग आरोपी को गैंगरेप और हत्या का दोषी माना। 3 सितंबर- फास्ट ट्रैक कोर्ट ने ट्रायल पूरा किया। फैसला सुरक्षित रखा गया। 10 सितंबर- कोर्ट ने चारों दोषियों को 13 अपराधों में दोषी करार दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा हाई कोर्ट का फैसला
5 मई- सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 'दुर्लभतम से दुर्लभ' मानते हुए चारों दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा। 8 नवंबर- चार में से एक दोषी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी। 15 दिसंबर- दो और दोषियों ने पुनर्विचार याचिका दायर की। 9 जुलाई, 2018- सुप्रीम कोर्ट ने तीन दोषियों की याचिकाएं खारिज कीं। फरवरी, 2019- पीड़िता के परिवार ने अदालत से दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने की याचिका दायर की।
फांसी की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा दोषी
10 दिसंबर, 2019- एक दोषी ने फांसी की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। 18 दिसंबर- सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका रद्द कर दी। 19 दिसंबर- दिल्ली हाई कोर्ट ने एक दोषी की यह याचिका रद्द कर दी, जिसमें उसने घटना के वक्त खुद को नाबालिग बताया था। 6 जनवरी, 2020- दिल्ली की एक अदालत ने एक दोषी के पिता द्वारा गवाह के खिलाफ FIR की मांग की याचिका को खारिज कर दिया।
14 जनवरी को क्यूरेटिव पिटिशन खारिज
7 जनवरी- दिल्ली की एक अदालत ने चारों आरोपियों को फांसी देने के लिए 22 जनवरी की तारीख मुकर्रर की। 14 जनवरी- सुप्रीम कोर्ट ने दो दोषियों की क्यूरेटिव पिटिशन खारिज कर दी। एक दोषी ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी।