INX मीडिया केस: आखिरकार चिदंबरम को मिली तिहाड़ जेल से छुट्टी, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत
क्या है खबर?
INX मीडिया केस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम को बड़ी जीत हासिल हुई है।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें केस से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय (ED) मामले में जमानत दे दी। इससे पहले कोर्ट उन्हें केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के मामले में भी जमानत दे चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आखिरकार चिदंबरम तिहाड़ जेल से बाहर आ सकेंगे।
बता दें कि चिदंबरम 5 सितंबर से तिहाड़ जेल में बंद हैं।
जानकारी
कोर्ट की इजाजत के बिना विदेश नहीं जा सकेंगे चिदंबरम
सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को दो लाख रुपये की जमानत राशि और इतनी ही राशि की दो मुचलके जमा करने का आदेश दिया है। इसके अलावा बिना कोर्ट की इजाजत के उनके देश से बाहर जाने पर भी रोक लगाई गई है।
आदेश
मामले पर सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कह सकेंगे चिदंबरम
न्यायाधीश आर भानुमति, न्यायाधीश एएस बोपन्ना और न्यायाधीश हृषिकेश रॉय की तीन सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट बेंच ने चिदंबरम को जमानत देते हुए ये भी कहा कि वो जेल से बाहर आने के बाद सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे।
इसके अलावा चिदंबरम के मामले में प्रेस को इंटरव्यू देने या सार्वजनिक तौर पर कुछ कहने पर भी रोक लगाई गई है। उनके पासपोर्ट को भी जब्त कर लिया गया है।
जमानत का विरोध
ED ने कहा था, जेल से बाहर आने पर जांच को प्रभावित कर सकते हैं चिदंबरम
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में चिदंबरम की जमानत का विरोध करते हुए ED ने उनके जेल से बाहर आने पर सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की दलील दी थी।
ED की ओर से पेश हुए सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि हिरासत में होने के बावजूद चिदंबरम महत्वपूर्ण गवाहों पर प्रभाव रखते हैं और जेल से बाहर आने पर वो जांच को प्रभावित कर सकते हैं।
INX मीडिया केस
INX मीडिया केस में चिदंबरम पर क्या आरोप हैं?
INX मीडिया केस में चिदंबरम पर नियमों के विरुद्ध विदेशी फंड हासिल करने में पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के INX मीडिया समूह की मदद करने का आरोप है।
मामला 2007 का है। आरोपों के अनुसार, चिदंबरम ने विदेशी फंड के लिए मंजूरी दिलाने के लिए वित्त मंत्री के तौर पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया।
मामले में उन पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) में दो अलग-अलग केस चल रहे हैं।
गिरफ्तारी
21 अगस्त को गिरफ्तार हुए थे चिदंबरम, 5 सितंबर से थे तिहाड़ जेल में बंद
मामले में सबसे पहले CBI ने 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार किया था। 5 सितंबर तक वो उसकी कस्टडी में रहे जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया।
ED ने अपने मामले में चिदंबरम को 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया और तब से उसकी कस्टडी में वह तिहाड़ जेल में बंद थे।
15 नवंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद वो सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
रिहाई
रिहाई का आदेश मिलते ही चिदंबरम को छोड़ देगा तिहाड़ जेल प्रशासन
अब सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को जमानत दे दी है जिसके बाद वो तिहाड़ जेल से बाहर आ सकेंगे।
तिहाड़ जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निचली अदालत के पास ले जाएंगे और वहां जमानत बॉन्ड और मुचलके पेश करेंगे। इसके बाद चिदंबरम को जेल से छोड़ने का आदेश जारी किया जाएगा। रिहाई का आदेश मिलते ही हम उन्हें छोड़ देंगे।"