तंदूर कांड के दोषी सुशील शर्मा को रिहा करने के आदेश, जानें क्या था पूरा मामला
दिल्ली हाई कोर्ट ने 1995 के तंदूर कांड के दोषी सुशील शर्मा को रिहा करने के आदेश दिए हैं। सुशील अपनी पत्नी नैना साहनी की हत्या के जुर्म में जेल में बंद था। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने साल 2000 में सुशील को फांसी की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने भी इसे बरकरार रखा था, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया था। सुशील ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी रिहाई की मांग की थी।
तुरंत रिहाई के आदेश
दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की थी रिहाई की याचिका
जेल में बंद सुशील ने हाई कोर्ट में याचिका देकर कहा था कि वह 23 साल से जेल में बंद है। इसमें माफी की अवधि जोड़ी जाए तो वह कुल 29 साल से जेल में है। उसने कहा कि जेल में और परोल पर रहने के दौरान उसका आचरण अच्छा रहा और उसने अपनी छूट का अनुचित इस्तेमाल नहीं किया। इस पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि अभी तक सुशील को रिहा क्यों नहीं किया गया।
ये हैं सजा से जुड़े नियम
जानकारी के लिए बता दें कि एक अपराध के लिए मिली उम्रकैद की सजा के दोषी को 20 साल की सजा और घृणित अपराधों के लिए मिली उम्रकैद के सजा के दोषी को 25 साल बाद जेल से रिहा करने के नियम हैं।
क्या है तंदूर कांड मामला
यह घटना 2 जुलाई, 1995 को सामने आई थी। दिल्ली युवा कांग्रेस के नेता सुशील शर्मा ने अवैध संबंधों के शक में अपनी पत्नी की हत्या कर लाश तंदूर में जला दी थी। घटना को अंजाम देकर सुशील फरार हो गया था। यह मामला देशभर में चर्चा का विषय बना था। यह मामला देश के उन आपराधिक मामलों में शामिल हैं जिसमें दोष साबित करने के लिए DNA सबूत और दो बार पोस्टमार्टम का सहारा लिया गया था।
गोली मारकर की थी पत्नी की हत्या
सुशील ने दिल्ली स्थित घर में गोली मारकर अपनी पत्नी की हत्या की थी। इसके बाद उसने लाश को यमुना में बहाने की योजना बनाई। इसके लिए वो कार में अपनी पत्नी की लाश को लेकर निकल गया, लेकिन यमुना के किनारे लोगों और गाड़ियों की आवाजाही जारी थी। इसलिए सुशील अपनी योजना बदलकर कनॉट प्लेस स्थित अपने रेस्तरां में गया। यहां से उसने लोगों और कर्मचारियों को निकालकर रेस्तरां बंद किया, लेकिन रेस्तरां के मैनेजर को वहीं रोक लिया।
तेज लपटों की वजह से हुआ घटना का खुलासा
सुशील ने रेस्तरां के तंदूर में अपनी पत्नी की लाश जलाने की सोची, लेकिन तंदूर काफी छोटा था। इसलिए सुशील ने मैनेजर के साथ मिलकर लाश के टुकड़े किए और उन्हें तंदूर में डालना शुरू किया। लाश जलाने के लिए उसने मक्खन डाला, जिससे तंदूर से ऊंची-ऊंची लपटें उठने लगी। रेस्तरां के बाहर फुटपाथ पर सो रही एक महिला ने ये लपटें देखकर शोर मचाया। शोर सुनकर पुलिस मौके पर पहुंची और इस तरह इस मामले का पता चला।