चंद्रयान-3 को साल 2022 की तीसरी तिमाही में किया जा सकता है लॉन्च- सरकार
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अभियान चंद्रयान-2 की असफलता के बाद से देशभर के लोग अगले मिशन की उम्मीद लगाए थे। ISRO ने इस असफलता के कुछ महीनों बाद चंद्रयान-3 को लॉन्च करने की घोषणा कर दी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण यह निर्धारित समय पर नहीं हो पाया। इसी बीच अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि 2022 की तीसरी तिमाही में चंद्रयान-3 को लॉन्च किया जा सकता है।
हार्ड लैंडिंग के कारण अंतिम समय में लैंडर 'विक्रम' से टूट गया था सपंर्क
भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर दुनिया का पहला अंतरिक्ष यान उतारने के लिए चंद्रयान-2 मिशन तैयार किया था। इसका 22 जुलाई, 2019 को सफल प्रक्षेपण किया गया था। इसके बाद 7 सितंबर को चंद्रयान-2 चंद्रमा पर उतरने को तैयार था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए ISRO पहुंचे थे, लेकिन लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग के कारण भारत का पहले प्रयास में ऐसा करने का सपना टूट गया था।
सरकार ने की थी चंद्रयान-3 मिशन की घोषणा
चंद्रयान-2 की असफता के महीनों बाद ही सरकार ने चंद्रयान-3 मिशन की घोषणा की थी। उस दौरान कहा गया था कि यह मिशन चंद्रयान-2 की कमियों को पूरा करने में सक्षम होगा। इतना ही नहीं सरकार ने नए मिशन के 2020 के आखिर या साल 2021 की शुरुआत में लॉन्च किए जाने की संभावना जताई थी। हालांकि, कोरोना महामारी ने मिशन के मॉड्यूल के निर्माण के कार्यक्रम को खासा प्रभावित किया और तय समय पर लॉन्च नहीं किया जा सका।
विपक्ष ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग को लेकर पूछा था सवाल
संसद के मानसून सत्र में बुधवार को विपक्ष की ओर से सरकार से चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग को लेकर सवाल पूछा गया था। इस पर मंत्री जीतेंद्र सिंह ने लिखित जवाब देते हुए कहा, 'चंद्रयान-3 मिशन को साल 2022 की तीसरी तिमाही में सामान्य कार्य प्रवाह मानते हुए लॉन्च किया जा सकता है। ISRO इसकी जोर-शोर से तैयारी कर रहा है।' उन्होंने कहा कि मिशन की तैयारी में बचे हुए कामों को तेजी से पूरा किया जा रहा है।
चंद्रयान-3 में नहीं होगा ऑर्बिटर
मंत्री सिंह ने स्पष्ट किया कि चंद्रयान-3 भारत के चंद्रयान-2 मिशन का ही पुन: अभियान होगा। चंद्रयान-2 में एक लैंडर, एक रोवर और एक ऑर्बिटर था, लेकिन चंद्रयान-2 से सबक लेने के बाद ISRO ने चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर शामिल नहीं करने का फैसला लिया है और इसमें केवल एक लैंडर और एक रोवर ही लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मिशन चंद्रयान-2 से मौजूदा ऑर्बिटर के जरिए पृथ्वी के साथ संचार करेगा, जिसका जीवनकाल सात वर्ष होने का अनुमान है।
कोरोना महामारी ने बाधित की चंद्रयान-3 मिशन की तैयारी- सिंह
मंत्री सिंह ने कहा कि चंद्रयान-3 को तैयार करने में विभिन्न प्रक्रियाएं शामिल हैं। जिसमें कॉन्फ़िगरेशन को अंतिम रूप देना, सबसिस्टम वसूली (विनिर्माण), एकीकरण, अंतरिक्ष यान-स्तर का विस्तृत परीक्षण और पृथ्वी पर सिस्टम के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए कई तरह के विशेष परीक्षण शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने मिशन की तैयारी को बहुत अधिक प्रभावित किया है। ऐसे में इसकी लॉन्चिंग में देरी हो रही है।