ISRO ने सफलतापूर्वक लॉन्च किया RISAT-2BR1 निगरानी सैटेलाइट, जानें इसकी खासियत
बुधवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सफलता की एक और गाथा लिखते हुए RISAT-2BR1 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। ये 'ISRO के वर्कहॉर्स' नाम से चर्चित PSLV मिशन का 50वां सैटेलाइट है। ये मिशन 1993 में शुरू हुआ था। RISAT-2BR1 एक निगरानी सैटेलाइट है जिसका उपयोग सीमा पर नजर रखने समेत अन्य कई कार्यों के लिए होगा। ISRO ने इसके साथ अमेरिका समेत अन्य देशों के नौ विदेशी सैटेलाइट भी लॉन्च किए।
दोपहर 3:25 बजे लॉन्च की गई सैटेलाइट्स को ले जा रही PSLV-C48 मिसाइल
RISAT-2BR1 और अन्य नौ सैटेलाइट को अपने साथ ले जा रही PSLV-C48 मिसाइल ने बुधवार दोपहर 3:25 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी। RISAT-2BR1 सैटेलाइट का वजन 628 किलोग्राम है।
अंतरिक्ष में ISRO की एक और उड़ान
क्या है RISAT-2BR1 सैटेलाइट की खासियत और उद्देश्य?
ISRO के अनुसार, RISAT-2BR1 सैटेलाइट का मुख्य काम पृथ्वी की कक्षा से भारत के विभिन्न हिस्सों की रडार तस्वीरें भेजना होगा। ये करीब 100 किलोमीटर के दायरे की तस्वीरें लेने की क्षमता रखता है। इन तस्वीरों का इस्तेमाल कृषि, वन विज्ञान और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में किया जाएगा। इसके अलावा इस सैटेलाइट का एक मकसद सीमा पर निगरानी रखना भी है ताकि आतंकियों की घुसैपठ को रोका जा सके और देश का सुरक्षा तंत्र मजबूत हो।
RISAT-2B सीरीज का दूसरा सैटेलाइट, दो और होंगे लॉन्च
बता दें कि ये निगरानी सैटेलाइटों की RISAT-2B सीरीज में दूसरा सैटेलाइट है जिसे सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया है। इसके बाद अगले आने वाले समय में ऐसे दो और सैटेलाइट को लॉन्च किया जाएगा।
छह अमेरिकी समेत नौ विदेशी सैटेलाइट भी किए गए लॉन्च
ISRO ने RISAT-2B के साथ जो नौ विदेशी सैटेलाइट लॉन्च किए उनमें अमेरिका के सबसे अधिक छह सैटेलाइट हैं। इसके अलावा इटली, इजरायल और जापान के एक-एक सैटेलाइट हैं। इन्हें न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के साथ इन देशों के कमर्शियल समझौते के तहत लॉन्च किया गया है। हालांकि इन सैटेलाइटों की क्षमता और उपयोग को लेकर अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं है। बता दें कि कम लागत के साथ अन्य देश ISRO से सैटेलाइट लॉन्च कराते हैं।
कुछ दिन पहले लॉन्च किया गया था कार्टोसैट-3 निगरानी सैटेलाइट
ISRO ने इससे पहले 27 नवंबर को एक और निगरानी सैटेलाइट कार्टोसैट-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। ये इस सीरीज का नौंवा सैटेलाइट था। कार्टोसैट-3 एक आधुनिक सैटेलाइट है जो इतनी ऊंचाई से भी हाई रेजोल्यूशन वाली तस्वीरें लेने में सक्षम है। यह शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की मैपिंग के जरिए योजना बनाने और तटीय भूमि के उपयोग आदि में मदद करेगा। इसके अलावा सेना इसके जरिए पड़ोसी देशों की गतिविधियों पर भी नजर रख सकेगी।