अलविदा 2019: इस साल अंतरिक्ष की इन घटनाओं पर रही दुनिया की नजरें
भारत के चंद्रयान-2 मिशन से लेकर सिर्फ महिला अंतरिक्षयात्रियों द्वारा स्पेसवॉक तक, इस साल अंतरिक्ष में कई ऐसे मौके आए जो इतिहास के पन्नों में अपनी जगह दर्ज करा गए। इस साल चीन ने चांद की सतह पर उतरने में कामयाबी पाई तो अमेरिका की निजी कंपनियों ने मानवरहित स्पेसक्राफ्ट टेस्ट किया। आइये, उन स्पेस मिशन और घटनाओं पर एक नजर डालते हैं जिन्होंने इस साल पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
भारत की चांद पर उतरने की पहली कोशिश थी चंद्रयान-2
भारत ने इस साल जुलाई में चंद्रयान-2 मिशन को लॉन्च किया था। यह भारत की चांद की सतह पर उतरने की पहली कोशिश थी। इसके तहत ISRO ने ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर चांद पर भेजे थे, लेकिन 7 सितंबर को चांद पर उतरने से चंद सेकंड पहले इसका कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया और लैंडर और रोवर क्रैश हो गए। राहत की बात यह है कि इसका ऑर्बिटर सफलतापूर्वक काम कर रहा है।
चांद की सतह पर सफलतापूर्वक पहुंचा चीन
चीन ने इस साल की शुरुआत में चंद्रमा से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए Chang'e-4 मिशन चांद पर भेजा था। चांद की सतह, उसका तापमान और चट्टानों की केमिकल कंपोजिशन का पता लगाने के लिए इस मिशन के तहत भेजा गया स्पेसक्राफ्ट पूर्व निर्धारित जगह ऐटकेन बेसिन पर सफलतापूर्वक उतरने में कामयाब रहा था। इस स्पेसक्राफ्ट में ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर को भेजा गया था। Chang'e-4 के पेलोड्स जर्मनी, स्वीडन और नीदरलैंड में बने थे।
भारत ने एंटी-सैटेलाइट मिसाइल का किया था प्रयोग
प्रधानमंत्री मोदी ने 27 मार्च को देश के नाम संबोधन में 'मिशन शक्ति' की जानकारी दी थी। इस मिशन में वैज्ञानिकों ने लॉ अर्थ ऑरबिट (धरती से 2,000 किलोमीटर ऊपर) में एक लाइव सैटेलाइट को एंटी-सैटेलाइट मिसाइल में महज तीन मिनट में उड़ा दिया था। अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश है। ISRO और DRDO ने मिलकर इस मिसाइल को विकसित किया था।
सिर्फ महिलाओं ने किया था स्पेसवॉक
अक्टूबर में अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की अंतरिक्ष यात्री क्रिस्टीना कोच और जेसिका मीर ने इतिहास रच दिया था। इन दोनों महिलाओं ने स्पेसवाक कर इतिहास रचा था। यह पहली बार था, जब सिर्फ महिलाओं ने स्पेसवॉक किया था। इन दोनों ने बैटरी चार्ज-डिस्चार्ज यूनिट को बदलने के लिए धरती के चारों ओर 27,600 किलोमीटर की स्पीड से चक्कर लगा रहे अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) के बाहर सात घंटे से अधिक समय तक स्पेसवॉक किया था।
निजी कंपनियों ने टेस्ट किए अपने स्पेसक्राफ्ट
NASA के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तहत निजी कंपनियों स्पेसएक्स (SpaceX) और बोइंग (Boeing) ने (ISS) के लिए अपने स्पेसक्राफ्ट टेस्ट किए। स्पेसएक्स के स्पेसक्राफ्ट ने मार्च में अपनी टेस्ट फ्लाइट पूरी की थी।