केंद्र सरकार ने असम, मणिपुर और नागालैंड के कई हिस्सों से हटाया AFSPA
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने असम, मणिपुर और नागालैंड के कई हिस्सों में लागू सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (AFSPA) कानून को हटा दिया है।
गृह मंत्रालय की विज्ञप्ति के मुताबिक, वर्ष 2014 की तुलना में वर्ष 2022 में पूर्वोत्तर में उग्रवादी घटनाओं में 76 प्रतिशत की कमी आई थी।
गृह मंत्रालय ने इन सभी राज्यों के विभिन्न इलाकों में सुरक्षा के हालातों की समीक्षा करने के बाद AFSPA को घटाने का निर्णय लिया।
बयान
पूर्वोत्तर के लिए एक ऐतिहासिक दिन- अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, "पूर्वोत्तर के लिए एक ऐतिहासिक दिन! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने एक बार फिर AFSPA के तहत नागालैंड, असम और मणिपुर में अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है। यह निर्णय उत्तर-पूर्व भारत में सुरक्षा स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार के कारण लिया गया है।"
उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर में सुरक्षा, शांति और विकास को प्राथमिकता दी है।
स्थिति
नागालैंड में अब 9 में से 8 जिलों में लागू रहेगा AFSPA
बता दें कि गृह मंत्रालय ने नागालैंड के 9 जिलों और 4 जिलों के 16 थाना क्षेत्रों में आने वाले इलाकों को पिछले साल 1 अक्टूबर को अगले 6 महीनों के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया था।
वहीं नई अधिसूचना के मुताबिक, राज्य के 8 जिलों और 5 जिलों के 21 थाना क्षेत्रों में आने वाले इलाकों में अशांत क्षेत्र का दर्जा अब अगले 6 महीने तक के लिए लागू रहेगा।
कानून
अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में बढ़ाई गई AFSPA की अवधि
इंडिया टुडे के मुताबिक, AFSPA की धारा तीन के तहत अरुणाचल प्रदेश के तिरप, लोंगडिंग और चांगलांग जिलों और नमसाई जिले के नमसाई और महादेवपुर पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाकों को 30 सितंबर, 2022 को अशांत क्षेत्र के रूप में घोषित किया था।
गृह मंत्रालय के मुताबिक, नई अधिसूचना के तहत इन इलाकों के साथ-साथ अरुणाचल के एक और थाना क्षेत्र को AFSPA के दायरे में लाया गया है।
कानून
AFSPA कानून क्या है?
AFSPA को ब्रिटिश सरकार ने क्रांतिकारियों के आंदोलनों को कुचलने के लिए लागू किया था। इसके तहत सैन्य बलों को विशेष अधिकार दिए गए।
भारत के आजाद होने के बाद प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राज्यों की स्थिति को देखते हुए इसे जारी रखने का फैसला लिया था। 1958 में एक अध्यादेश के जरिए AFSPA के वर्तमान स्वरूप को लाया गया।
संसद की स्वीकृति के बाद सितंबर, 1958 को AFSPA कानून के रूप में लागू हो गया था।