NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    जम्मू-कश्मीर
    क्राइम समाचार
    कोरोना वायरस
    कोरोना वायरस वैक्सीन
    लखीमपुर रेप-हत्याकांड
    हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH)
    भू-धंसाव
    NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout


    देश राजनीति दुनिया बिज़नेस खेलकूद मनोरंजन टेक्नोलॉजी करियर अजब-गजब लाइफस्टाइल ऑटो एक्सक्लूसिव विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
     
    होम / खबरें / देश की खबरें / स्पीकर नहीं, स्वतंत्र संस्था करे सांसदों और विधायकों को अयोग्य ठहराने का फैसला- सुप्रीम कोर्ट
    देश

    स्पीकर नहीं, स्वतंत्र संस्था करे सांसदों और विधायकों को अयोग्य ठहराने का फैसला- सुप्रीम कोर्ट

    स्पीकर नहीं, स्वतंत्र संस्था करे सांसदों और विधायकों को अयोग्य ठहराने का फैसला- सुप्रीम कोर्ट
    लेखन प्रमोद कुमार
    Jan 21, 2020, 01:41 pm 1 मिनट में पढ़ें
    स्पीकर नहीं, स्वतंत्र संस्था करे सांसदों और विधायकों को अयोग्य ठहराने का फैसला- सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि सांसदों और विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका पर विचार करने के लिए एक स्वतंत्र और स्थायी संस्था बनाई जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए संसद स्पीकर को दिए गए विशेषाधिकारों पर विचार करें। जस्टिस रोहिंटन एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ऐसा करने के लिए यह उचित समय है। आइये, इस खबर पर विस्तार से नजर डालते हैं।

    बार-बार उठता है स्पीकर की स्वतंत्रता का मामला- SC

    बेंच ने पूछा कि जब स्पीकर किसी पार्टी का सदस्य होता है तो किसी को अयोग्य ठहराने की याचिका पर उसके फैसले पर भरोसा कैसे किया जा सकता है? ऐसेे मामलों के लिए स्वतंत्र व्यवस्था या संस्था के गठन की बात उठाते हुए बेंच ने कहा कि स्पीकर की स्वत्रंतता का मुद्दा बार-बार उठता रहता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर कोई सांसद या विधायक अयोग्य ठहरा दिया जाता है तो उससे तुरंत जिम्मेदारी छीन ली जानी चाहिए।

    SC का सुझाव- रिटायर जजों की बनी समिति

    कोर्ट ने सुझाव दिया है कि रिटायर्ड जजों की समिति को सदस्यता रद्द करने या बरकरार रखने का अधिकार दिया जाए। यह कमेटी सालभर काम करें, जहां सदस्यता से जुड़े मामले तय किए जाएं।

    किस मामले की सुनवाई कर रही थी बेंच?

    दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर के वन और पर्यावरण मंत्री टी श्यामकुमार को अयोग्य ठहराने से जुड़े मामले की सुनवाई चल रही थी। श्यामकुमार ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था, लेकिन बाद में वो राज्य में सरकार चला रही भाजपा में शामिल हो गए थे। दो कांग्रेस विधायकों फजुर्रहीम और के मेघचंद्र ने इसके खिलाफ स्पीकर के पास शिकायत की, लेकिन उन्होंने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। इसे लेकर ये विधायक हाई कोर्ट पहुंच गए थे।

    हाई कोर्ट ने स्पीकर की कार्रवाई पर उठाए थे सवाल

    हाई कोर्ट ने स्पीकर की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे, लेकिन कोर्ट ने मामला दल-बदल कानून के तहत होने की बात कहते हुए विधायक को अयोग्य घोषित करने पर कोई फैसला नहीं दिया। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में आया।

    स्पीकर को मिला चार सप्ताह का समय

    सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि स्पीकर अयोग्य घोषित करने वाली याचिका को अनिश्चितकाल के लिए नहीं लटका सकता। स्पीकर को तर्कसंगत समय में इस पर फैसला लेना चाहिए। बेंच ने कहा कि स्पीकर को आमतौर पर तीन महीनों के ऐसी याचिकाओं पर फैसला लेना चाहिए। मणिपुर मामले में बेंच ने स्पीकर को 4 सप्ताह का समय दिया है। अगर इस दौरान निर्णय नहीं लिया जाता है तो कांग्रेस विधायक दोबारा सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं।

    इस खबर को शेयर करें
    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    ताज़ा खबरें
    मणिपुर
    सुप्रीम कोर्ट

    ताज़ा खबरें

    2023 हुंडई वरना का कौन-सा वेरिएंट है सबसे खास? यहां जानिए  हुंडई मोटर कंपनी
    रोहित शर्मा हासिल की कप्तान के तौर पर बड़ी उपलब्धि, दिग्गजों की सूची में हुए शामिल रोहित शर्मा
    भारत को 2-1 से हराने के बाद वनडे में दुनिया की नंबर एक टीम बनी ऑस्ट्रेलिया ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम
    मच्छर के काटने से बचने के लिए घर पर बनाएं मॉस्किटो स्प्रे, सुरक्षित रहेगा आपका परिवार जीका वायरस

    मणिपुर

    मणिपुर: अवैध तरीके से रह रहे म्यांमार के 10 नागरिक गिरफ्तार, 5 महिलाएं शामिल म्यांमार
    सुप्रीम कोर्ट के पांच नए जज सोमवार को लेंगे शपथ, जानें उनके बारे में केंद्र सरकार
    मणिपुरः स्कूल बस अनियंत्रित होकर पलटी, 15 से अधिक छात्रों की मौत की आशंका दुर्घटना
    भारत में शादियों के दौरान निभाई जाने वाली 5 अजीबोगरीब रस्में गुजरात

    सुप्रीम कोर्ट

    बिलकिस बानो मामला: सुप्रीम कोर्ट दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुनवाई करने को तैयार हुआ बिलकिस बानो
    सुप्रीम कोर्ट में सजा-ए-मौत के तरीके के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई, केंद्र से मांगा सुझाव जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
    सुप्रीम कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन की मांग वाली याचिका की खारिज  लिव-इन रिलेशनशिप
    सुप्रीम कोर्ट का सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट लेने से इनकार, CJI बोले- पारदर्शिता की जरूरत जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

    देश की खबरें पसंद हैं?

    नवीनतम खबरों से अपडेटेड रहें।

    India Thumbnail
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स क्रिप्टोकरेंसी भाजपा समाचार कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive कोरोना वायरस वैक्सीन ट्रैवल टिप्स यूक्रेन युद्ध मंकीपॉक्स द्रौपदी मुर्मू
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2023