अयोध्या विवाद और नोटबंदी पर सुनवाई करने वाले पूर्व जस्टिस अब्दुल नजीर बने राज्यपाल
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस सैयद अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
जस्टिस नजीर एक महीने पहले 4 जनवरी को रिटायर हुए थे और सुप्रीम कोर्ट में जज रहते हुए कई अहम फैसले देने वाली बेंचों में शामिल रहे थे।
बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कई राज्यों के नए राज्यपालों को नियुक्त किया। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के नए उपराज्यपाल की भी नियुक्ति की गई है।
परिचय
कौन हैं जस्टिस अब्दुल नजीर?
जस्टिस अब्दुल नजीर का जन्म 5 जनवरी 1958 को कर्नाटक में हुआ था। उन्होंने मंगलूरु से वकालत में डिग्री हासिल की थी।
उन्होंने अपनी वकालत का करियर 1983 से कर्नाटक हाई कोर्ट से शुरू किया था। इसके बाद उन्हें 2003 में कर्नाटक हाई कोर्ट में एडिशनल जज बनाया गया और बाद में वह स्थायी जज के तौर पर नियुक्त हुए।
जस्टिस अब्दुल नजीर को फरवरी, 2017 में सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था।
फैसला
राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाने वाली बेंच में थे जस्टिस नजीर
जस्टिस अब्दुल नजीर अयोध्या के बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच में शामिल थे। उन्होंने बेंच में शामिल चार अन्य जजों के साथ राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया था। जस्टिस नजीर ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक ठहराने वाली वाली बेंच में भी शामिल थे।
वहीं जस्टिस अब्दुल नजीर केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को उचित ठहराने वाली बेंच का भी हिस्सा थे।
राज्यसभा
पूर्व CJI रंजन गोगोई बने थे राज्यसभा सदस्य
केंद्र सरकार ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई को राज्यसभा के सदस्य के तौर पर मनोनीत किया था।
गौरतलब है कि अयोध्या विवाद, राफेल लड़ाकू विमान सौदा और सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश जैसे बड़े मामलों में फैसला सुना चुके रंजन गोगोई के राज्यसभा सदस्य बनने पर विपक्ष के तमाम नेताओं ने सवाल खड़े किए थे।
कई अन्य हस्तियों ने भी इस फैसले की आलोचना की थी।
नियुक्तियां
इससे पहले भी कई रिटायर्ड जजों को मिल चुकी हैं नियुक्तियां
बता दें कि 2013 से 2014 के बीच भारत के CJI रहे पी सदाशिवम को सितंबर 2014 में केरल का राज्यपाल बनाया गया था और वह इस पद पर 2019 तक बने रहे थे।
2018 में सुप्रीम कोर्ट के जज रहे जस्टिस एके गोयल को सेवानिवृत्त होने वाले दिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) का चेयरमैन नियुक्त किया गया था।
केरल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एंटोनी डोमिनिक को राज्य मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था।