कृषि कानून: सरकार और किसानों के बीच आज होने वाली बैठक कल तक के लिए टली
कृषि कानूनों को लेकर किसानों और केंद्र सरकार के बीच आज होने वाली बैठक को कल तक के लिए टाल दिया गया है। पहले यह बैठक मंगलवार को होनी थी, लेकिन अब यह 20 जनवरी को दोपहर 2 बजे होगी। दोनों पक्षों के बीच जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए यह 10वें दौर की बैठक होगी। सरकार का कहना है कि दोनों पक्ष हल निकालना चाहते हैं, लेकिन दूसरी विचारधाराओं के लोगों के कारण इसमें देरी हो रही है।
बयान में क्या कहा गया है?
कृषि मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि अपरिहार्य कारणों से मंगलवार को होनी वाली बैठक बुधवार तक टालनी पड़ रही है। सरकार ने तीनों नए कृषि कानूनों को किसानों में हित में बताते हुए कहा कि जब भी कुछ नई शुरुआत होती है या अच्छे कदम उठाए जाते हैं, तब उनका विरोध होता ही है। इस मामले का हल निकलने में इसलिए देरी हो रही है क्योंकि किसान नेता अपने तरीके से इसका समाधान निकालना चाहते हैं।
नेताओं के शामिल होने से बातचीत में आती है अड़चन- केंद्रीय कृषि मंत्री
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा, "जब किसान हमसे सीधी बात करते हैं तो अलग बात होती है, लेकिन जब इसमें नेता शामिल हो जाते हैं तो अड़चनें सामने आती हैं। अगर किसानों से सीधी बातचीत होती तो जल्द समाधान हो सकता था। चूंकि विभिन्न विचारधारा के लोग इस आंदोलन में प्रवेश कर गए हैं इसलिए वे अपने तरीके से समाधान चाहते हैं। दोनों पक्ष समाधान चाहते हैं, लेकिन दोनों के अलग-अलग विचार हैं इसलिए विलंब हो रहा है।"
शुक्रवार को हुई थी नौंवें दौर की बैठक
शुक्रवार को किसानों और सरकार के बीच नौवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा साबित हुई थी। किसान कानूनों को रद्द कराने की मांग पर अड़े हैं, वहीं सरकार का कहना है कि वह कानूनों में संशोधन कर सकती है, लेकिन इन्हें रद्द नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट की समिति की आज हो सकती है बैठक
दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा गतिरोध से जुड़ी जमीनी सच्चाई समझने के लिए बनाई गई समिति आज अपनी पहली बैठक कर सकती है। कोर्ट ने समिति में चार सदस्यों को शामिल किया था, जिसमें से एक भूपिंदर सिंह मान इससे अलग हो गए हैं। सरकार ने समिति के गठन के फैसले का स्वागत किया था, वहीं किसानों का कहना है कि वो इसके सामने पेश नहीं होंगे। किसानों ने सुप्रीम कोर्ट से दोबारा समिति गठित करने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट का ट्रैक्टर परेड मामले में दखल देने से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया। परेड पर रोक लगाने की केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की मांग पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि वह पिछली सुनवाई में कह चुका है कि दिल्ली में किसे प्रवेश देना है और किसे नहीं, इस पर दिल्ली पुलिस को फैसला लेना है और वह इसमें दखल नहीं देगा।
आंदोलन क्यों कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।