मुख्यमंत्री खट्टर को काले झंडे दिखाने वाले किसानों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज
क्या है खबर?
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को काले झंडे दिखाने वाले 13 किसानों के खिलाफ अंबाला पुलिस ने हत्या और दंगे के प्रयास का मामला दर्ज किया है।
दरअसल, कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने मुख्यमंत्री खट्टर के काफिले के बीच में आकर उन्हें काले झंडे दिखाए थे।
बताया जा रहा है कि इस दौरान किसानों के हाथोंं में डंडे भी थे।
वहीं कांग्रेस ने सरकार की आलोचना करते हुए ये मामले वापस लेने की मांग की है।
पृष्ठभूमि
क्या है मामला?
बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री खट्टर भाजपा के दूसरे नेताओं के साथ आगामी निकाय चुनावों के लिए पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में चुनाव प्रचार के अंबाला जा रहे थे।
इसी दौरान कृषि कानूनों का विरोध कर किसानों के एक समूह ने खट्टर के काफिले को रोकते हुए उन्हें काले झंडे दिखाए थे।
पुलिस काफी मशक्कत के बाद खट्टर की गाड़ी को वहां से सुरक्षित निकाल पाई थी। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई थी।
धाराएं
इन धाराओं के तहत हुआ किसानों के खिलाफ मामला दर्ज
न्यूज18 के अनुसार, अंबाला पुलिस ने 13 प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 147 (दंगा), 148 (दंगाई, घातक हथियार से लैस), 149 (गैरकानूनी गिरोह के सदस्य द्वारा किया गया अपराध), 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवा को बाधित करना), धारा 307 (हत्या का प्रयास), 353 (हमला या आपराधिक बल लोक सेवक को उसके कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया है।
FIR
FIR में लिखी गई हैं ये बातें
FIR में लिखा गया है कि पुलिस और प्रशासन के समझाने के बाद भी उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों के साथ धक्कामुक्की की और सरकारी ड्यूटी में रोड़ा डाला। जब अग्रसेन चौक के पास से मुख्यमंत्री का काफिला जाने लगा तो इन लोगों ने पायलट गाड़ी का रास्ता रोक लिया और उसके बोनट पर डंडा मारकर नुकसान पहुंचाया।
FIR में यह भी लिखा गया है कि उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों को जान से मारने की नीयत से हमला किया था।
आलोचना
कांग्रेस ने सरकार की आलोचना की
वहीं किसानों पर FIR दर्ज करने को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने हरियाणा सरकार की आलोचना की है।
कांग्रेस की राज्य प्रमुख कुमारी शैलजा ने कहा कि यह कदम सरकार की हताशा दिखाता है। भाजपा सरकार किसानों की आवाज दबा रही है।
उन्होंने पूछा कि काले झंडे दिखाना हत्या का प्रयास कैसे हो गया? लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। उन्होंने सरकार से किसानों के खिलाफ दर्ज मामले तुरंत वापस लेने की मांग की है।
विरोध की वजह
किसान प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?
केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लाई है।
इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।