भारत सरकार ने दिए कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण से जुड़े सवालों के जवाब
क्या है खबर?
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के धीरे-धीरे कम होते मामलों के बीच सरकार अगले साल की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाने के लिए तैयार है।
ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन के टीकाकरण अभियान को लेकर लोगों में जागरुकता लाने और अभियान के संबंध में लोगों के मन में आमतौर पर आने वाले सवालों के जवाब जारी किए हैं।
इन सवाल और उनके जवाबों के जरिए लोग अपनी उत्सुकता को पूरा कर सकते हैं।
आम सवाल
आम जनता के लिए 21 तो स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के लिए छह सवाल
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के लिए छह आम सवालों की सूची के साथ, अन्य लोगों के लिए कुल 21 सवाल और उनके जवाब जारी किए हैं।
इन सवालों में प्रमुख रूप से जैसे, टीका लेना अनिवार्य है?, टीकाकरण के बाद एंटीबॉडी विकसित होने में कितना समय लगेगा? और क्या कोरोना महामारी से ठीक होने वालों के लिए भी वैक्सीन लगवाना आवश्यक है? आदि सवालों को शामिल किया गया है।
प्रमुख प्रश्न
क्या कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों को वैक्सीन लगवानी चाहिए?
मंत्रालय के अनुसार, कोरोना महामारी से ठीक होने वाले लोगों के लिए वैक्सीन लगवाना अधिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बढ़ाने के लिहाज से उचित रहेगा।
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि कोरोना वायरस से संक्रमण के पिछले इतिहास के बावजूद कोरोना वैक्सीन का पूरा शेड्यूल प्राप्त करना बेहतर रहेगा।
इससे बीमारी के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (इम्यूनिटी) विकसित करने में मदद मिलेगी और मरीज में भविष्य में माहामारी से लड़ने की ताकत बढ़ेगी।
जानकारी
कोरोना संक्रमित रोगियों को 14 दिन तक टीकाकरण से दूर रहना चाहिए?
इस सवाल के जवाब पर ने विशेष रूप से कहा है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने और ठीक नहीं होने वाले मरीजों को 14 दिन तक टीकाकरण अभियान से दूर रहना चाहिए। इससे वह दूसरों को संक्रमित करने के खतरे को कम करेंगे।
वैक्सीन
क्या वैक्सीन शेड्यूल को पूरा करने के लिए दो खुराक लेना जरूरी है?
इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि नियमानुसार वैक्सीन के शेड्यूल को पूरा करने के लिए लोगों को 28 दिनों में वैक्सीन की दो खुराक लेना आवश्यक है। एंटीबॉडी का सुरक्षात्मक स्तर आमतौर पर दूसरी खुराक लेने के दो सप्ताह बाद विकसित होता है।
मंत्रालय ने कहा कि प्रारंभिक चरण में स्वास्थ्य सेवा और फ्रंटलाइन श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसी तरह 50 से अधिक आयु वर्ग के लिए उपलब्धता के आधार पर टीकाकरण शुरू होगा।
जानकारी
क्या अधिक जोखिम वाले मरीजों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी?
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार प्रारंभिक चरण में वैक्सीन की सीमित आपूर्ति के कारण यह पहले उन लोगों को दी जाएगी जिन्हें कोरोना संक्रमण का सबसे अधिक खतरा है। बाद के चरणों में वैक्सीन को अन्य सभी को जरूरत के आधार पर उपलब्ध कराया जाएगा।
विवरण
पंजीकृत लोगों को उनके रजिस्टर्ड नंबर पर टीकाकरण कार्यक्रम की सूचना दी जाएगी?
मंत्रालय ने कहा कि पात्र लाभार्थियों को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर सूचित किया जाएगा कि टीकाकरण कब और कहां आयोजित किया जाएगा।
इसके अलावा लाभार्थियों को वैक्सीन लेने के बाद टीकाकरण केंद्र में कम से कम 30 मिनट तक आराम करने और असुविधा के मामले में संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करने की सलाह भी दी जाएगी।
मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद हल्का बुखार, दर्द और बेचैनी हो सकती है।
फोटो पहचान पत्र
क्या बिना फोटो पहचान पत्र के वैक्सीन नहीं दी जाएगी?
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार लाभार्थी के पंजीकरण और सत्यापन दोनों के लिए फोटो पहचान पत्र जरूरी है। इससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि इच्छित व्यक्ति को वैक्सीन दी गई है।
मंत्रालय के अनुसार लोग ड्राइविंग लाइसेंस, मनरेगा जॉब कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, पासपोर्ट, पेंशन दस्तावेज़, वोटर-आईडी, सांसद/विधायक/MLC का अधिकारिक पहचान पत्र, सरकार द्वारा जारी सेवा कार्ड और श्रम मंत्रालय द्वारा जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्टकार्ड से भी पंजीयन करा सकते हैं।
संक्रमण
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
भारत में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 25,152 नए मामले सामने आए और 347 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,00,04,599 हो गई है। इनमें से 1,45,136 लोगों को महामारी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।
सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 3,08,751 हो गई है।देश में बीते छह दिनों से 30,000 से कम नए मामले सामने आ रहे हैं।