केंद्र ने राज्यों को 'ब्लैक फंगस' को महामारी अधिनियम के तहत अधिसूचित करने के निर्देश दिए
देश में कोरोना से ठीक होने वाले लोगों के लिए जानलेवा बने म्यूकरमायकोसिस यानी ब्लैक फंगस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और कई लोगों को जान जा चुकी है। देश के कई राज्यों में बड़ी संख्या में इसके मामले सामने आ चुके हैं। इसको देखते हुए अब केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को 'ब्लैक फंगस' को महामारी अधिनियम के तहत अधिसूचित करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सभी मामलों की रिपोर्ट करने को भी कहा है।
क्या है म्यूकरमायकोसिस या ब्लैक फंगस?
म्यूकरमायकोसिस या ब्लैक फंगस एक बेहद दुर्लभ संक्रमण है। यह म्यूकर फंगस के कारण होता है जो मिट्टी, पौधों, खाद, सड़े हुए फल और सब्ज़ियों में पनपता है। यह आम तौर पर उन लोगों को प्रभावित करते हैं जो लंबे समय दवा ले रहे हैं और जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। AIIMS के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना वायरस के मरीजों खासकर मधुमेह रोगियों में स्टेरॉयड का अधिक उपयोग इस संक्रमण का प्रमुख कारण है।
क्या है ब्लैक फंगस के प्रमुख लक्षण?
विशेषज्ञों के अुनसार ब्लैक फंगस से पीड़ित व्यक्ति को चेहरे के एक हिस्से में सूजन, सिरदर्द, नाक में संक्रमण, नाक या मुंह के ऊपरी हिस्से पर काले घाव, बुखार, खांसी, छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी, आंखों में सूजन और दर्द, पलकों का गिरना, धुंधला दिखना, अंधापन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों में यह ठीक होने के दो-तीन दिन बाद या ठीक होने के दौरान भी नजर आ सकते हैं।
केंद्र सरकार ने दिए अधिसूचित बीमारी घोषित करने के निर्देश
बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को ब्लैक फंगस को महामारी रोग रोकधान अधिनियम के तहत अधिसूचित बीमारी घोषित करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सभी पुष्ट और संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट भेजने को भी कहा है। संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने राज्यों को भेज पत्र में कहा है कि सभी सरकारी और निजी अस्पताल तथा मेडिकल कॉलेजों को ब्लैक फंगस की स्क्रीनिंग, पहचान और मैनेजमेंट में गाइडलाइंस का पालन करना होगा।
देश में तेजी से बढ़ रहे हैं 'ब्लैक फंगस' के मामले
बता दें कि देश में ब्लैक फंगस के मामलों में बड़ी तेजी से इजाफा हो रहा है। अब तक सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं। यहां ब्लैक फंगस के 2000 से अधिक मामले होने का अनुमान लगाया गया है। इनमें से अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह राजस्थान में 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इसको लेकर राज्य सरकार ने बुधवार को इसे महामारी और अधिसूचित बीमारी घोषित कर दिया है।
अन्य राज्यों में यह है ब्लैक फंगस के मामलों की स्थिति
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ब्लैक फंगस के प्रतिदिन 20 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इससे इनकी संख्या 200 से अधिक पहुंच चुकी है। इसको लेकर गुरुवार को दिल्ली AIIMS ने इसकी पहचान और उपचार के लिए एडवायजरी जारी की है। इसी तरह गुजरात में इसके 100 से अधिक, उत्तर प्रदेश में 50, उत्तराखंड में 38, ओडिशा 10 और हरियाणा में 115 मामले सामने आ चुके हैं। हरियाणा सरकार ने भी इसे अधिसूचित बीमारी घोषित कर दिया है।