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क्या होता है बर्ड फ्लू, इंसानों के लिए ये कितना खतरनाक और क्या हैं इसके लक्षण?

क्या होता है बर्ड फ्लू, इंसानों के लिए ये कितना खतरनाक और क्या हैं इसके लक्षण?

Jan 06, 2021
06:31 pm

क्या है खबर?

भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप अभी थमा नहीं था कि अब बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है। देश के कम से कम चार राज्यों, हिमाचल प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश और राजस्थान, में इसके मामलों की पुष्टि हो चुकी है और बीते कुछ ही दिन में हजारों पक्षियों की इसके कारण मौत हो गई है। आइए आपको बताते हैं कि बर्ड फ्लू आखिर होता क्या है, इंसानों के लिए यह कितना खतरनाक है और इसके क्या लक्षण हैं।

परिचय

क्या होता है बर्ड फ्लू?

बर्ड फ्लू या एवियन इंफ्लूएंजा एक वायरल संक्रमण है जो इंफ्लूएंजा टाइप ए वायरसों के कारण फैलता है। आमतौर पर पक्षियों में होने वाला ये संक्रमण एक पक्षी से दूसरे पक्षी में भी फैल सकता है। बर्ड फ्लू पैदा करने वाले वायरसों के कई स्ट्रेन हैं जिनमें से हल्के लक्षण पैदा करते हैं, वहीं अन्य स्ट्रेन अधिक घातक साबित हो सकते हैं और इनसे पक्षियों की जान भी जा सकती है।

संक्रामक

पक्षियों में कितना संक्रामक है बर्ड फ्लू?

बत्तख और हंस जैसे जलीय पक्षियों को बर्ड फ्लू बीमारी करने वाले इंफ्लूएंजा टाइप ए वायरसों का मुख्य प्राकृतिक स्त्रोत माना जाता है और ये उन्हीं से मुर्गियों और कौओं आदि अन्य पक्षियों में फैलता है। ये वायरस बहुत संक्रामक होते हैं और आसानी से पक्षियों को संक्रमित कर सकते हैं। कई स्वस्थ दिखने वाले पक्षी भी इस वायरस से संक्रमित होते हैं और अपनी बीट के जरिए इसे निकालकर वे संक्रमण को नई जगहों पर फैला सकते हैं।

इंसान

क्या इंसानों को संक्रमित कर सकते हैं बर्ड फ्लू के वायरस?

इंसान बर्ड फ्लू बीमारी करने वाले वायरसों के ज्यादातर स्ट्रेनों से संक्रमित नहीं होता है, हालांकि H5N1 जैसे कुछ स्ट्रेन हैं जो इंसान को संक्रमित कर सकते हैं। संक्रमित पक्षियों विशेषकर मुर्गियों के संपर्क में आने और संक्रमित पक्षी का कच्चा मांस या अंडे खाने आदि से इंसान इस वायरस से संक्रमित होता है। हालांकि ये एक इंसान से दूसरे इंसान में आसानी से नहीं फैलता है और ऐसा होना बहुत दुर्लभ है।

घातक

इंसानों के लिए कितना खतरनाक है बर्ड फ्लू?

बर्ड फ्लू इंसानों में भले ही बेहद कम फैलता हो, लेकिन ये उनके लिए भी उनका ही खतरनाक है विशेषकर H5N1 स्ट्रेन। ये कितना खतरनाक है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1997 में हांगकांग में इसका पहला मामला सामने आने के बाद से जितने भी लोगों को इससे संक्रमित पाया गया है, उनमें से 60 प्रतिशत की मौत हो गई। यह वायरस अब तक 50 से अधिक देशों में फैल चुका है।

लक्षण और उपचार

क्या हैं संक्रमण के लक्षण और उपचार?

इंसानों में बर्ड फ्लू मुख्य तौर पर उसके श्वसन तंत्र को निशाना बनाता है और इसके लक्षणों में बुखार, उल्टी, डायरिया, मांसपेशियों और पेट के निचले हिस्से में दर्द और सांस लेने में दिक्कत आदि शामिल हैं। इसके अलावा इसमें निमोनिया या एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) के लक्षण भी देखे जाता हैं। बर्ड फ्लू के उपचार में एंटी-वायरल दवाएं दी जाती हैं और संक्रमण के दो दिन के अंदर इन्हें लेना बहुत जरूरी होता है।

जानकारी

कैसे करें संक्रमण से बचाव?

बर्ड फ्लू से बचाव के लिए अधपका मांस या अंडे खाने से बचने, मांस या अंडा लाने पर इन्हें धोने और संक्रमित पक्षियों से दूर रहने आदि की सलाह देते हैं। मुर्गी पालन में काम करने वालों को PPE पहने की सलाह दी जाती है।