शाहजंहापुर बॉर्डर से दिल्ली जा रहे किसानों पर पुलिस का लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले दागे
बीते नवंबर की तरह जनवरी में भी हरियाणा पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प देखने को मिली है। नवंबर में पुलिस जहां पंजाब के किसानों को दिल्ली आने से रोक रही थी, वहीं इस बार राजस्थान समेत दूसरे राज्यों के किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोका जा रहा है। दरअसल, पिछले कई दिनों से शाहजहांपुर में हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रविवार को दिल्ली जाने की कोशिश की। इसी दौरान उनकी पुलिस से झड़प हो गई।
पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली की तरफ कूच कर रहे किसानों और पुलिस के बीच रेवाड़ी के पास हिंसक झड़प हो गई। पुलिस ने किसानों को आगे बढ़ने से रोकनेे के लिए लाठीचार्ज और किया और आंसू गैस के गोले दागे। ये सभी किसान दिल्ली में जारी किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने इन्हें रोक लिया। फिलहाल इन किसानों को हरियाणा के धारूहेड़ा के पास रोका गया है।
यहां देखिये झड़प का वीडियो
तनावपूर्ण बनी हुई है स्थिति
यह भी जानकारी मिल रही है कि आंसू गैस के गोले की वजह से किसानों की एक ट्रॉली में आग लग गई। किसानों ने अपने स्तर पर आग बुझा ली। फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को भी कुछ किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़कर दिल्ली की तरफ बढ़ने में सफल हुए थे। पुलिस ने इन्हें रोकने का प्रयास किया था, लेकिन कामयाब नहीं हो पाई।
कल होगी सरकार और किसानों के बीच बातचीत
कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को तोड़ने के लिए सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच सोमवार को बातचीत होगी। किसान तीनों कृषि कानून रद्द करवाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने की मांग के साथ बैठक में जाएंगे। दोनों पक्षों के बीच यह सातवें दौर की बैठक होगी। इससे पहले 30 दिसंबर को बातचीत हुई थी, जिसमें हवा की गुणवत्ता और बिजली से संबंधित अध्यादेशों से किसानों को दूर रखने पर सहमति बनी थी।
बातचीत असफल रहने पर आंदोलन तेज करने की बात कह चुके किसान
किसान संगठन के नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर सोमवार को होने वाली बैठक में उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो वो आंदोलन को तेज करेंगे। किसानों ने बातचीत असफल रहने पर 6 जनवरी को कुंडली-मानेसर-पलवल पर ट्रैक्टर मार्च, 23 जनवरी को राज्यपालों के आवासों के सामने प्रदर्शन और 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करने की बात कही है। साथ ही किसान नेता 6-20 जनवरी तक देशभर में जागृति अभियान चलाएंगे।
शाहजंहापुर में बैठे किसानों को बुलाया जाएगा दिल्ली
किसान नेताओं का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो शाहजंहापुर में प्रदर्शन कर रहे किसानों को भी दिल्ली बुलाया जाएगा। साथ ही देशभर के किसान संगठनों से जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का आह्वान किया जाएगा।
क्या है किसानों के विरोध की वजह?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।