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हरियाणा सरकार ने बढ़ते मामलों को देखते हुए ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी घोषित किया

हरियाणा सरकार ने बढ़ते मामलों को देखते हुए ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी घोषित किया

May 15, 2021
05:26 pm

क्या है खबर?

देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों के लिए जानलेवा बने म्यूकरमायकोसिस यानी ब्लैक फंगस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। हरियाणा में भी इसके दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं और दो लोगों की मौत हो चुकी है। इसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने शनिवार को ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी (नोटिफाइड डिजीज) घोषित कर दिया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इसकी जानकारी दी है।

ब्लैक फंगस

क्या होता है म्यूकरमायकोसिस या ब्लैक फंगस?

अमेरिका की सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार म्यूकरमायकोसिस या ब्लैक फंगस एक बेहद दुर्लभ संक्रमण है। यह म्यूकर फंगस के कारण होता है जो मिट्टी, पौधों, खाद, सड़े हुए फल और सब्ज़ियों में पनपता है। CDC के अनुसार यह फंगस मिट्टी के साथ हवा और यहां तक कि स्वस्थ इंसान की नाक और बलगम में भी पाई जाती है। यह फंगस साइनस, आंख, दिमाग़ और फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है।

खतरा

कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों को है सबसे अधिक खतरा

ब्लैक फंगस का सबसे अधिक खतरा कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों में पाया जा रहा है। इसी तरह यह रोग प्रतिरोधक क्षमता कम करने वाली बीमारियों से ग्रसित लोगों में भी हो सकता है। इसके प्रमुख लक्षण चेहरे के एक हिस्से में सूजन, सिरदर्द, नाक में संक्रमण, नाक या मुंह के ऊपरी हिस्से पर काले घाव, बुखार, खांसी, छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी, आंखों में सूजन और दर्द, पलकों का गिरना, धुंधला दिखना, अंधापन आदि हैं।

हरियाणा

हरियाणा में सामने आ चुके हैं दर्जनों मामले

पिछले एक सप्ताह में हरियाणा के PGI रोहतक में ब्लैक फंगस के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। यहां कोरोना से ठीक हुए करीब 20 मरीजों में इसकी पुष्टि हुई है। इनमें से दो लोगों की मौत हो गई तो कुछ की आंखों की रोशनी चली गई। करनाल मेडिकल कॉलेज में भी दो मरीजों की पहचान हुई है। राज्य में लगातार बढ़ते मामलों ने सरकार ने चिंता को बढ़ा दिया। यही कारण रहा कि सरकार ने यह कदम उठाया है।

घोषणा

स्वास्थ्य मंत्री विज ने ट्वीट कर की जानकारी

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ट्वीट किया, 'ब्लैक फंगस को हरियाणा में अधिसूचित रोग घोषित किया गया है। अब किसी भी जिले में ब्लैक फंगस के मामलों का पता चलने पर वहां के डॉक्टरों को जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को इसकी सूचना देनी होगी।' उन्होंने आगे लिखा, 'PGI रोहतक के वरिष्ठ डॉक्टर कोरोना मरीजों का उपचार कर रहे राज्य के अन्य सभी डॉक्टरों के साथ ब्लैक फंगस के उपचार को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंस करेंगे।'

जानकारी

ओडिशा सरकार ने किया तीन सदस्यीय कमेटी का गठन

ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए ओडिशा सरकार ने शुक्रवार को राज्य में इस तरह के मामलों की निगरानी के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। सरकार ने कहा था कि इस तहर के मामलों की निगरानी बहुत जरूरी है।

चेतावनी

कोरोना संक्रमण के बाद तेजी से बढ़ रहे हैं ब्लैक फंगस के मामले- गुलेरिया

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि ब्लैक फंगस कोई नया संक्रमण नहीं है, लेकिन कोरोना संक्रमण के बाद इसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। AIIMS में इसे 23 मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह मिट्टी, हवा और बासी भोजन में भी मौजूद होता है। ऐसे में इससे बचने के लिए कोरोना उपचार के बाद भी नियमित रूप से मास्क पहनना चाहिए। खासकर किसी निर्माण स्थल पर जाते समय।

एडवाइजरी

ICMR ने ब्लैक फंगस को लेकर जारी की एडवाइजरी

बता दें ब्लैक फंगस को लेकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने गत दिनों एडवाइजरी जारी की थी। उसमें कहा गया था कि यह कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले, कमजोर इम्यूनिटी, अत्यधिक मधुमेह यानी शुगर, लंबे समय तक स्टेरॉयड्स लेने वाले, लंबी बीमारी से पीड़ित मरीजों में होता है। इससे बचाव के लिए सबसे पहले ब्लड शुगर को नियंत्रित करना होता है और ऑक्सीजन पर चल रहे मरीजों को स्टेराइल वॉटर का उपयोग करना होता है।