अब पांच साल तक बढ़ाया जा सकेगा CBI और ED प्रमुखों का कार्यकाल, अध्यादेश लाई सरकार
केंद्र सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के प्रमुखों का कार्यकाल बढ़ाकर पांच साल कर दिया है। इसके लिए सरकार दो अध्यादेश लेकर आई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों अध्यादेशों को मंजूरी दे दी है। इनमें कहा गया है कि प्रमुखों का कार्यकाल एक-एक साल तक तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। पांच साल के बाद किसी भी प्रमुख का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा।
अभी दो साल होता है CBI और ED प्रमुखों का निश्चित कार्यकाल
अभी CBI और ED प्रमुखों का कार्यकाल दो साल का होता है। इस दौरान कुछ विशेष परिस्थितियों के अलावा अन्य किसी स्थिति में उन्हें पद से नहीं हटाया जा सकता, हालांकि सरकार उनके कार्यकाल को बढ़ा जरूर सकती है। 1997 से पहले तो CBI निदेशकों का कार्यकाल निश्चित भी नहीं होता था और सरकार उन्हें कभी भी पद से हटा सकती थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने विनीत नारायण मामले में निदेशक का कार्यकाल दो साल के लिए निश्चित कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कही थी केवल दुर्लभ मामलों में कार्यकाल बढ़ाने की बात
गौरतलब है कि सरकार ये अध्यादेश ऐसे समय पर लेकर आई है जब पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट ने ED प्रमुख एसके मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने जाने पर सवाल खड़े किए थे। कोर्ट ने कहा था कि सरकार को केवल दुर्लभ और अपवाद मामलों में ही कार्यकाल बढ़ाने चाहिए। मिश्रा 2018 से ED प्रमुख के पद पर बने हुए हैं और एक साल की वृद्धि के बाद 17 नवंबर को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा था।
कैसे चुने जाते हैं CBI और ED प्रमुख?
CBI निदेशक की नियुक्ति एक उच्च-स्तरीय तीन सदस्यीय समिति की सिफारिशों के आधार की जाती है। इस समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा के नेता विपक्ष और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शामिल होते हैं। ED प्रमुख की नियुक्ति भी एक समिति की सिफारिश के आधार पर की जाती है। इस समिति में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त, सतर्कता आयुक्त, केंद्रीय गृह मंत्रालय का सचिव, कार्मिक मंत्रालय का सचिव और वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग का सचिव शामिल होते हैं।
अभी कौन हैं CBI और ED प्रमुख?
1985 बैच के महाराष्ट्र कैडर के IPS अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल अभी CBI की कमान संभाल रहे हैं। मई, 2021 में उनकी इस पद पर नियुक्ति हुई थी। 1984 बैच के आयकर कैडर के IRS अधिकारी संजय कुमार मिश्रा ED प्रमुख हैं।