यस बैंक: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने अनिल अंबानी को किया तलब
क्या है खबर?
यस बैंक से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को तलब किया है।
उन्हें सोमवार को ED के मुंबई कार्यालय में पेश होने को कहा गया है।
अधिकारियों के अनुसार, अंबानी की कंपनियां उन बड़ी कंपनियों में शामिल हैं जिन्होंने यस बैंक से लोन लिया लेकिन चुका नहीं पाईं और इसलिए उन्हें तलब किया गया है।
खबरों के अनुसार, अंबानी ने खराब स्वास्थ्य का हवाला दे नई तारीख मांगी है।
पृष्ठभूमि
बड़ी कंपनियों के लोन न चुकाने की वजह से खराब हुई यस बैंक की स्थिति
नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक की खराब आर्थिक स्थिति का सबसे मुख्य कारण बड़ी कंपनियों को दिए गए लोन का नॉन-परफॉर्मिंग असेट (NPA) बताया जा रहा है। इन कंपनियों में अनिल अंबानी के रिलायंस समूह के अलावा दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DHFL), एस्सेल समूह, वोडाफोन और ILFS आदि शामिल हैं।
आरोप है कि यस बैंक संस्थापक राणा कपूर ने बड़ा जोखिम होने के बावजूद इन कंपनियों को लोन दिया जो बाद में NPA में तब्दील हो गया।
आरोप
राणा पर लोन देने के बदले रिश्वत लेने का आरोप
ED के अनुसार, राणा इन कंपनियों को जोखिम भरा लोन देने के बदले में रिश्वत लेते थे और उनसे अपनी पत्नी और बेटियों की कंपनियों में निवेश कराते थे।
इसी कारण मामले में उनके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया गया था। उनकी पत्नी और तीन बेटियों को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है।
पूरा घपला 43,00 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है और राणा को गिरफ्तार किया जा चुका है।
जांच
लोन न चुकाने वाली कंपनियों के प्रमोटर्स को किया जा रहा तलब
ED के अधिकारियों के अनुसार, यस बैंक से लिए लोन को न चुकाने वाली सभी बड़ी कंपनियों के प्रमोटर्स को पूछताछ के लिए तलब किया जा रहा है और इसी कड़ी में अनिल अंबानी को सोमवार को हाजिर होने को कहा गया था।
लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य का हवाला देकर नई तारीफ मांगी है।
बता दें कि अंबानी की कंपनियों ने यस बैंक से 12,800 करोड़ रुपये का लोन लिया था जो NPA में बदल गया।
यस बैंक मामला
RBI ने अपने हाथों में लिया है यस बैंक का नियंत्रण
बता दें कि यस बैंक की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसके निदेशक मंडल को भंग करते हुए इसका नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है।
बैंक के लोन देने या पुराने लोन के नवीनीकरण करने, कोई निवेश करने, कोई दायित्व लेने और कोई भुगतान चुकाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।
इसके अलावा बैंक ग्राहकों के एक महीने में 50,000 रुपये से अधिक राशि निकालने पर भी पाबंदी लगाई गई है।