तबलीगी जमात की बढ़ी मुश्किलें, मौलाना मोहम्मद साद के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तबलीगी जमात प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। ED तबलीगी जमात को मिलने वाली देशी और विदेशी फंडिंग की जांच करेगी और पता लगाएगी कि कहीं ये पैसा उसे हवाला और अन्य किसी गैर-बैंकिंग स्त्रोत से तो नहीं मिला है। तबलीगी जमात इसी फंडिंग की मदद से अपने धार्मिक आयोजन करती है और दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए ऐसे ही आयोजन की वजह से यह विवादों में है।
क्या है तबलीगी जमात का पूरा मामला?
पिछले महीने निजामुद्दीन की मरकज मस्जिद में तबलीगी जमात ने एक धार्मिक आयोजन किया था जिसमें विभिन्न राज्यों और देशों के हजारों लोग शामिल हुए थे। कार्यक्रम के बाद कुछ लोग अपने-अपने राज्य वापस लौट गए, वहीं लगभग 2,000 लोग पाबंदियों का उल्लंघन करते हुए मस्जिद में ही रुके रहे। अब तक इससे संबंधित 4,000 से अधिक लोगों को कोरोना से संक्रमित पाया जा चुका है और देश के कुल मामलों में इसकी लगभग 35 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
सेल्फ-क्वारंटाइन में होने का दावा कर रहे हैं मौलाना साद
मामला सामने आने के बाद से ही मौलाना साद सेल्फ-क्वारंटाइन में होने का दावा कर रहे हैं और अभी तक दिल्ली पुलिस की जांच में शामिल नहीं हुए हैं। दिल्ली पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने के लिए साद और अन्य पांच के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और महामारी रोग अधिनियम, 1897 के तहत FIR दर्ज की थी। ED ने इसी FIR के आधार पर साद के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जांच शुरू की है।
दो अधिकारियों ने की मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू होने की पुष्टि
दो अधिकारियों ने 'हिंदुस्तान टाइम्स' से ED के साद के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किए जाने की पुष्टि की है। एक अधिकारी ने बताया कि ED अपनी जांच इस बात पर केंद्रित करेगा कि मरकज को जो फंडिंग मिली थी वह कहीं किसी हवाला या गैर-कानूनी स्त्रोत से तो नहीं आई थी। उन्होंने कहा, "इसके लिए हम उनके वित्तीय लेनदेन, यात्रा रिकॉर्ड और विभिन्न आयोजनों में पैसे के प्रयोग की जांच करेंगे। साद को जल्द समन भेजा जाएगा।"
जमात के 960 विदेशी सदस्यों के खिलाफ FIR का आदेश दे चुका है गृह मंत्रालय
बता दें कि इससे पहले गृह मंत्रालय तबलीगी जमात के 960 विदेशी सदस्यों को ब्लैकलिस्ट कर चुका है और विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारियों को उनके खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं। गृह मंत्रालय का कहना है कि तबलीगी जमात के ये सदस्य मिशनरी वीजा की बजाय यात्री वीजा पर भारत आए थेे और मरकज के धार्मिक आयोजन में शामिल होकर उन्होंने यात्री वीजा नियमों का उल्लंघन किया।
कोरोना वायरस संकट को सांप्रदायिक रंग देने का कारण बना पूरा प्रकरण
बता दें कि तबलीगी जमात के इस पूरे प्रकरण के कारण कोरोना वायरस के संकट को एक सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है। कई जगहों पर मुस्लिमों को इसके कारण दिक्कतों को सामना करना पड़ा रहा है और उन्हें लोग शक की नजर से देख रहे हैं। देश के कई हिस्सों में मुस्लिमों के सब्जियों और फलों पर थूक करने कर उन्हें बेचने की अफवाह फैल रही हैं और कई जगह मुस्लिमों पर हमला भी हुआ है।