क्या वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी रहता है लॉन्ग कोविड का खतरा?
कोरोना वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावी माना गया हैं। कई अध्ययनों में साफ हो चुका है कि वैक्सीन से संक्रमण, गंभीर बीमारी और मृत्यु का खतरा काफी कम हो जाता हैं। इस बीच वैक्सीन लगवाने के बाद भी कुछ लोगों के संक्रमण की पुष्टि हो रही है। हालांकि, उनमें बहुत कम या लक्षण नजर नहीं आते। ऐसे में सवाल यह है कि क्या वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी लंबे समय तक महामारी के लक्षण रह सकते हैं?
आखिर क्या होता है लॉन्ग कोविड?
लॉन्ग कोविड एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी कई हफ्तों या महीनों तक कोरोना संक्रमण के लक्षण बने रहते हैं। लक्षणों में अत्यधिक थकान, सांस की तकलीफ, सीने में दर्द, याददाश्त में कमी, स्वाद और गंध में बदलाव, जोड़ों में दर्द, आदि शामिल हैं। एक अध्ययन से पता चलता है कि एक तिहाई लोगों को लंबे समय तक कोरोना का अनुभव हो सकता है। हालांकि, इसका स्पष्ट कारण अभी सामने नहीं आया है।
क्या वैक्सीन की दोनों खुराक लेने वालों में आ सकती है यह स्थिति?
वैक्सीनेशन के बाद कुछ लोग फिर से कोरोना वायरस की चपेट में आ सकते हैं, लेकिन यह बहुत दुर्लभ स्थिति में ही संभव है। इस स्थिति को निर्णायक संक्रमण की श्रेणी में रखा जाता है। इसका मतलब यह है कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी संक्रमण हो सकता है, लेकिन लक्षण बहुत हल्के रहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार यह भी संभव है कि वैक्सीनेशन के बाद आपकी रिपोर्ट निगेटिव आए, लेकिन लक्षण लंबे समय तक बने रहें।
विशेषज्ञों के अनुसार बहुत कम है इस स्थिति की संभावना
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक कोरोना संक्रमण के लक्षण बने रहना "बहुत दुर्लभ" है। NBC न्यूज के अनुसार, वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के नैदानिक महामारी विज्ञानी डॉ जियाद अल-एली ने कहा, "जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराक मिल जाती है, उनके संक्रमित होने की संभावना नहीं होती है। इनमें से कुछ लोगों में लंबे समय तक कोरोना संक्रमण के लक्षण बने रहने और उनके फिर से संक्रमित होने की संभावना बेहद कम रहती है।"
निर्णायक रूप से कुछ भी कहना होगी जल्दबाजी- नताशा
डॉक्टरों ने भी आगाह किया है कि इस तरह के निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी और इस पर और अधिक ठोस अध्ययन की जरूरत है। डॉ नताशा ऑल्टमैन ने कहा, "मुझे लगता है कि संभावनाएं अगले छह महीनों में ही लोगों पर असर दिखाना शुरू कर देगी।" डॉ अल-एली के अनुसार, "यह संभव है कि आने वाले समय में अध्ययन के बाद हमें पता चले कि शायद वैक्सीन केवल संक्रमण को कुछ समय के लिए टालने में समर्थ है।"
अध्ययन क्या सुझाव देते हैं?
मई में द गार्जियन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, वैक्सीन लंबे समय तक कोरोना संक्रमण के लक्षणों से राहत दिलाती हैं। उस अध्ययन में शामिल किए गए कुल 800 लोगों में से आधे से अधिक यानी 56.7 प्रतिशत ने अपने कोरोना संक्रमण के लक्षणों में सुधार का अनुभव किया था। इसी तरह लगभग 24.6 प्रतिशत ने कहा कि उनके लक्षण पहले जैसे हीं हैं, जबकि 18.7 प्रतिशत ने अपने लक्षणों में बढ़ोतरी की बात कही थी।
अन्य कारक भी हो सकते हैं जिम्मेदार
विशेष रूप से कई कारक हैं जो लंबे समय तक कोरोना संक्रमण के लक्षण को बनाए रख सकते हैं या उन्हें और गंभीर बना सकते हैं। इनमें उम्र, लिंग, मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियां आदि शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, महिलाओं, 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और उच्च बॉडी मास इंडेक्स वाले लोगों को कोरोना की जटिलताओं के बाद अधिक जोखिम होता है। संक्रमण के पहले सप्ताह में प्रदर्शित होने वाले लक्षण लंबे समय तक रह सकते हैं।