कोरोना: देश में फिर बढ़ने लगी संक्रमण दर, सक्रिय मामलों में गिरावट भी हुई धीमी
क्या है खबर?
भारत में अभी दूसरी लहर का प्रकोप थमा नहीं है और बड़ी संख्या में लोग कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए नजर आ रहे हैं।
लॉकडाउन में दी गई ढील के बाद बाजारों और पर्यटन स्थलों पर भीड़ बढ़ गई है, जिससे दोबारा संक्रमण फैलने का खतरा पैदा हो गया है।
इसी बीच देश में अप्रैल के बाद कोरोना वायरस की संक्रमण दर (R) पहली बार बढ़ी है। यह मामलों में संभावित इजाफे की चेतावनी हो सकती है।
कोरोना संकट
जून के आखिरी सप्ताह से बढ़ रही है संक्रमण दर
संक्रमण दर या R नंबर गणितीय गणना के आधार पर किया गया अनुमान होता है, जिससे पता चलता है कि एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति अपने संपर्क में आए कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है। जून के आखिरी सप्ताह तक यह दर कम हो रही थी, लेकिन अब इसमें इजाफा देखा जा रहा है।
20 जून से लेकर 7 जुलाई के बीच इसमें काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यानी अब संक्रमण फैलने की रफ्तार बढ़ी है।
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संक्रमण दर में हुआ कितना इजाफा?
15 मई से 26 जून के बीच देश में कोरोना संक्रमण दर 0.78 बनी हुई थी। 20 जून से 7 जुलाई के बीच इसमें इजाफा हुआ और यह बढ़कर 0.88 हो गई। इसका मतलब है कि अब 100 संक्रमित लोग संपर्क में आए 88 लोगों तक संक्रमण फैला रहे हैं।
अगर यह 1 से ज्यादा होती है, तो मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं। अभी यह 1 से कम है, लेकिन यह जल्द ही इससे पार भी जा सकती है।
कोरोना वायरस
केरल में 1 से ऊपर बनी हुई है संक्रमण दर
केरल, जहां इन दिनों देश में सर्वाधिक मामले सामने आ रहे हैं, वहां संक्रमण 1.1 बनी हुई है। यहां इन दिनों रोजाना 11,000 से अधिक लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं और सक्रिय मामलों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।
महाराष्ट्र में भी संक्रमण दर 1 के आसपास बनी हुई है। यहां केरल के बाद सबसे ज्यादा लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं। दैनिक मामलों में इन राज्यों का 50 प्रतिशत से अधिक योगदान होता है।
कोरोना वायरस
सक्रिय मामलों में गिरावट भी धीमी
एक तरफ देश में संक्रमण दर बढ़ रही है तो दूसरी तरफ सक्रिय मामलों की संख्या कम होने की रफ्तार भी धीमी हुई है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, लगभग पूरे जून में सक्रिय मामले रोजाना 4 प्रतिशत की दर से कम हो रहे थे, लेकिन 9 जुलाई तक यह दर एक प्रतिशत से भी कम हो गई।
मोटे तौर पर इसका मतलब यह है कि रोजाना जितने लोग ठीक हो रहे हैं, लगभग उतने ही संक्रमित पाए जा रहे हैं।
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भीड़ बढ़ा रही है चिंता
पर्यटक स्थलों और बाजारों में बढ़ रही लोगों की संख्या को लेकर अब यह आशंका जताई जाने लगी है कि ये भीड़ सुपर स्प्रेडर बन सकती है, जिससे कोरोना के मामले बढ़ने का खतरा रहेगा।
प्रधानमंत्री मोदी भी इस भीड़ को लेकर चिंता जता चुके हैं।
शुक्रवार को कोविड टास्क फोर्स ने भी कहा था कि हालात अभी पूरी तरह काबू में नहीं आए हैं और लापरवाही महंगी पड़ सकती है। सरकार ने लोगों से सावधान रहने को कहा है।
बयान
मामलों में गिरावट की गति धीमी- डॉ पॉल
संक्रमण के दैनिक मामलों से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ वीके पॉल ने कहा था कि मामलों में धीमी गिरावट इस बात का भी संकेत हो सकती है कि अगर मौजूदा हालात में बदलाव नहीं हुआ तो संक्रमण फिर रफ्तार पकड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि देश में स्थिति तभी नियंत्रण में मानी जाएगी, जब लगातार तीन सप्ताह तक दैनिक मामलों की संख्या 10,000 से कम रहेगी।