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पर्यटकों को घूमने की अनुमति दें, लेकिन वापस लौटने पर दी जाए सावधानी की सलाह- विशेषज्ञ
वैक्सीनेशन पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के सदस्य डॉ मैथ्यू वर्गीस ने कही सावधानी के साथ पर्यटकों को घूमने की अनुमति देने की बात।

पर्यटकों को घूमने की अनुमति दें, लेकिन वापस लौटने पर दी जाए सावधानी की सलाह- विशेषज्ञ

Jul 10, 2021
08:31 pm

क्या है खबर?

कोरोना महामारी की दूसरी लहर की रफ्तार के कम होने तथा राज्यों द्वारा लॉकडाउन में ढील देने के बाद से पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ने लगी है। इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय चिंता जता चुका हैं और इसे महामारी के फिर से प्रसार का कारण बताया हैं। इसी बीच वैक्सीनेशन पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के सदस्य डॉ मैथ्यू वर्गीस ने कहा है कि पर्यटकों को घूमने की अनुमति दी जानी चाहिए, लेकिन सावधानी के साथ।

बयान

घरों में रहकर तंग आ चुके हैं लोग- वर्गीस

डॉ वर्गीस ने कहा, "लोग लंबे लॉकडाउन के दौरान घर के अंदर रहकर तंग आ चुके हैं और यही कारण है कि पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की भीड़ जमा हो रही है।" उन्होंने कहा, "वर्तमान में पर्यटकों को पूरी तरह से रोकना सही नहीं है, लेकिन उन्हें नियंत्रित किया जा सकता है। पर्यटकों को खुले स्थान पर एकत्र होने की छूट देनी चाहिए और जब वह वापस अपने राज्य में लौटते हैं तो उन्हें सोशल डिस्टेसिंग की सलाह देनी चाहिए।"

जानकारी

खुली जगह पर कम रहता है कोरोना संक्रमण का खतरा

डॉ वर्गीस के अनुसार खुली जगहों पर बंद जगहों की तुलना में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा कम रहता है। ऐसे में पर्यटक खुली जगहों पर घूम सकते हैं। खुली जगहों पर SARS-COV-2 वायरस इधर-उधर फैल जाता है। इससे खतरा कम रहता है।

स्पष्ट

वायरस का म्यूटेशन होना है सामान्य प्रक्रिया- वर्गीस

डॉ वर्गीस ने कहा, "कोरोना वायरस का म्यूटेशन होना एक सामान्य प्रक्रिया है। जब तक उनके वायरस आपस में जुड़ते रहेंग, उनका म्यूटेशन होता रहेगा। यह एक आदर्श प्रकिया है।" उन्होंने आगे कहा, "हमें वायरस के विभिन्न वेरिएंटों से मुकाबले के लिए तैयार रहना होगा और पूरी सावधानी भी बरतनी होगी। महामारी से बचने के लिए लंबे समय तक सावधानी और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। इसी से जीवन पटरी पर लौटेगा।"

चिंता

प्रधानमंत्री मोदी ने भी जताई थी पर्यटकों की भीड़ पर चिंता

पर्यटक स्थलों की फिर से खुलने के साथ वहां पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है और वह कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन नहीं कर रहे हैं। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नई कैबिनेट की पहली बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया था। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि पर्यटक स्थलों पर भीड़ की तस्वीरें और वीडियो चिंता बढ़ाने और महामारी के प्रसार का डर पैदा करने वाले हैं।

चेतावनी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की थी चेतावनी

पर्यटन स्थलों पर बढ़ती भीड़ और कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी चिंता जताई थी और नियमों का पालन नहीं होने पर पाबंदियों को फिर से लागू करने की चेतावनी दी थी। मंत्रालय ने कहा था कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और लोगों की थोड़ी सी लापरवाही संभले हुए हालातों को फिर से बिगाड़ सकती है। मंत्रालय ने मनाली, मसूरी और केम्टी फॉल्स की भवावह तस्वीरें भी जारी की थी।

सख्ती

पर्यटकों की बढ़ती भीड़ के बाद राज्यों ने उठाए सख्त कदम

पर्यटन स्थलों पर बढ़ती भीड़ के बाद राज्य सरकारों ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। उत्तराखंड सरकार ने जहां मसूरी जाने के लिए RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी है। वहीं होटलों की क्षमता को 50 प्रतिशत तक सीमित कर दिया है। बता दें कि उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को लॉकडाउन में दी गई ढील के अपने निर्णय पर फिर से विचार करने के आदेश दिए थे। उसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।

सवाल-जवाब

दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा था जवाब

दिल्ली हाई कोर्ट में राज्यों में लॉकडाउन के बाद हो रहे कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन को लेकर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। इस पर केंद्र ने हलफानाम दायर कर कहा है कि उसने सभी राज्यों को महामारी से बचाव के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराने को कहा था। सरकार ने यह भी कहा कि उन्होंने लॉकडाउन में ढील देने वाले राज्यों को स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा था।