पुलवामा: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बुरहान वानी के पिता ने फहराया तिरंगा
क्या है खबर?
आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर रहे बुरहान वानी के पिता मुजफ्फर वानी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जम्मू-कश्मीर के त्राल में तिरंगा फहराया। पेशे से शिक्षक मुजफ्फर वानी ने पुलवामा जिले के त्राल के सरकारी बालिका विद्यालय में झंडा फहराया था।
सोशल मीडिया पर शेयर हो रही तस्वीर में उन्हें अधिकारियों के साथ तिरंगा फहराते हुए देखा जा सकता है।
शनिवार को वानी के इस्तीफा देने की अफवाहें भी उड़ी थीं, जिनका उन्होंने खंडन किया था।
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क्या अफवाहें थीं?
शनिवार को कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि मुजफ्फर वानी तिरंगा फहराने के खिलाफ हैं और उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
इनका खंडन करते हुए वानी ने कहा कि ये सब अफवाहें हैं। आज उन्होंने स्कूल में तिरंगा फहराया।
बता दें कि 'आजादी का अमृत महोत्सव' अभियान के तहत जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शिक्षा विभाग सहित सभी विभागों को निर्देश दिया था कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी कार्यालयों में तिरंगा फहराया जाना चाहिए।
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2016 में मारा गया था बुरहान वानी
कश्मीर में आतंक का नया चेहरा बने हिजबुल आतंकी बुरहान वानी को 8 जुलाई, 2016 को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में एक मुठभेड़ में मारा गिराया गया था।
उसके अंतिम संस्कार में हजारों लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा था। इसके बाद घाटी में अशांति फैल गई थी और जमकर प्रदर्शन हुए थे, जिनमें 85 लोगों की मौत हुई थी और हजारों घायल हुए थे।
इन प्रदर्शनों के कारण कश्मीर में पांच महीनों तक आम जीवन अस्त-व्यस्त रहा था।
स्वतंत्रता दिवस
उप राज्यपाल ने शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में फहराया तिरंगा
जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर श्रीनगर स्थित शेर-ए-कश्मीर में तिरंगा फहराया। इस मौके पर उन्होंने लोगों से 'नए जम्मू-कश्मीर' के विकास के लिए प्रशासन के साथ मिलकर काम करने की अपील की।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संबोधन में सिन्हा ने कहा था कि पाकिस्तान भारतीय युवाओं को भड़काने का प्रयास कर रहा है। ऐसे छद्म युद्ध के जरिये युवाओं को गुमराह करने वालों को करारा जवाब दिया जाएगा।
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जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस के दिन चालू रही इंटरनेट सेवा
जम्मू-कश्मीर में आज तीन साल बाद स्वतंत्रता दिवस पर इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं चालू रहीं।
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने ट्वीट करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कश्मीर में न तो कहीं इंटरनेट बंद है और न ही पाबंदियां लगाई गई हैं।
अधिकारियों ने कहा कि घाटी में एक शांतिपूर्ण वातावरण में स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। 2019 में धारा 370 हटने के बाद पहली बार ऐसा हुआ है।
जम्मू-कश्मीर
2018 के बाद से प्रभावित हो रही थीं सेवाएं
जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2018 में स्वतंत्रता दिवस पर इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं प्रभावित नहीं हुई थीं। तब एनएन वोहरा जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे।
इसके बाद 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 में बदलाव करके जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया और इसके बाद से ही स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर सुरक्षा कारणों से इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं संवेदनशील इलाकों में बंद रहती थीं। इस बीच 100 से अधिक दिन के लिए इंटरनेट बंद रहा था।