जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने किया स्कूल परीक्षाओं का ऐलान, बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावक चिंतित
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने राज्य में 5वीं से लेकर 12वीं कक्षा तक की सालाना परीक्षाओं की तारीखों का ऐलान कर दिया है।
इसे स्कूल नहीं आ रहे बच्चों को वापस लाने की कवायद माना जा रहा है।
गौरतलब है कि राज्य का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद घाटी में कड़े प्रतिबंध लागू किए गए थे।
इसके तहत स्कूल और कॉलेजों को बंद किया गया था। कुछ समय पहले स्कूल खुल गए थे, लेकिन बच्चे स्कूल नहीं आ रहे।
डेटशीट
इसी महीने से शुरू होंगी 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं
राज्य प्रशासन ने इससे पहले 2016 में आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद बिगड़ी स्थितियों के दौरान भी ऐसे ही प्रतिबंधों के बीच परीक्षाएं करवाई थी।
उस समय राज्य में PDP की सरकार थी। स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (SEI) और जम्मू-कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजूकेशन (JKBOSE) ने 5वीं-12वीं कक्षाओं की परीक्षाओं के लिए अलग-अलग डेटशीट जारी की है।
JKBOSE की 10वीं की परीक्षा 29 अक्टूबर, 12वीं की 30 अक्टूबर और 9वीं की परीक्षा 18 नवंबर से शुरू होगी।
चिंता
बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित अभिभावक
कड़े सुरक्षा प्रतिबंधों के बीच परीक्षाओं के ऐलान ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है।
श्रीनगर के रहने वाले ऐजाज अहमद ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "हालात सामान्य दिखाने के लिए सरकार बच्चों की जिंदगी दांव पर लगा रही है। वो हर चीज को लेकर राजनीति कर रहे हैं। अब पढ़ाई पर भी शुरू कर दी है।"
उन्होंने कहा कि बच्चों का स्कूल जाना जरूरी है, लेकिन उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा।
जानकारी
राज्य में 5वीं से 12वीं तक 6.5 लाख छात्र
शिक्षा विभाग के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में लद्दाख को मिलाकर 5वीं से लेकर 12वीं कक्षा तक कुल 6.5 लाख छात्र है। विभाग भी इस बात को मान रहा है कि घाटी में अधिकतर स्कूल खुले हैं, लेकिन बच्चों की हाजिरी बहुत कम है।
स्कूल
स्कूल खुल रहे हैं, लेकिन बच्चे गायब हैं
घाटी में पिछले कई दिनों से स्कूल खुल रहे हैं, लेकिन बच्चों नहीं आ रहे हैं।
श्रीनगर के ग्रीन वैली स्कूल के चेयरमैन मोहम्मद युसुफ ने कहा, "हमारा स्कूल रोज खुलता है, लेकिन अभिभावकों के लिए अपनी बच्चों की सुरक्षा बड़ा मुद्दा है। यहां लोगों में इस कदर डर बैठा हुआ है कि हमारे ड्राइवर बच्चों को लेने के लिए नहीं जाते हैं।"
यह स्कूल सौरा के नजदीक है, जहां 5 अगस्त के बाद बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए थे।
जानकारी
पुलवामा में भी ऐसा ही हाल
ग्रीन वैली स्कूल जैसा ही हाल पुलवामा के डॉल्फिन पब्लिक स्कूल का है। स्कूल मालिक बताते हैं कि 5 अगस्त के बाद से उनके स्कूल में एक भी बच्चा नहीं आया है। उन्होंने कहा कि बच्चों को सुरक्षा देना अब सरकार पर है।
हत्याएं
एक सप्ताह में कश्मीर में हो चुकी हैं तीन हत्याएं
पिछले एक सप्ताह में कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में हुई तीन हत्याओं ने अभिभावकों की चिंताएं और बढ़ा दी हैं।
सोमवार को घाटी में पोस्टपेड मोबाइल सेवा शुरू होने के बाद से पुलवामा और शोपियां में ये हत्याएं हुई हैं।
सोमवार को शोपियां में राजस्थान के ट्रक ड्राइवर को गोली मारी गई, वहीं पुलवामा में छत्तीसगढ़ के एक मजदूर की हत्या की गई।
बुधवार को शोपियां में ही पंजाब के एक फल व्यापारी की हत्या कर दी गई थी।