वीरता पदक के लिए भेजे गये चीनी सेना से लोहा लेने वाले ITBP जवानों के नाम
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने मई और जून में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में बहादुरी दिखाने वाले अपने 21 जवानों के नाम वीरता पुरस्कारों के लिए भेजे हैं। इन जवानों ने लद्दाख में चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की तरफ से शुरू की गई झड़पों के दौरान साहस और वीरता का प्रदर्शन किया था। ITBP ने यह भी बताया है चीनी सेना के साथ झड़प कैसे हुई थी।
294 जवानों को प्रशंसा पत्र और प्रतीक चिन्ह
ITBP ने वीरता पदक के लिए 21 जवानों के नाम भेजे हैं। साथ ही 294 जवानों के नामों की पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों का शौर्य और बहादुरी के साथ सामना करने के लिए 'महानिदेशक प्रशंसा-पत्र' और 'प्रतीक चिन्ह' के लिए अनुशंसा की गई है।
17-20 घंटों तक चली थी चीनी सेना के साथ झड़प
ITBP ने बताया कि लद्दाख सीमा पर चीन के सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर पत्थरों से हमला किया। कई जगहों पर दोनों पक्षों के बीच 17-20 घंटों तक झड़प चली थी। बयान में कहा गया है, 'ITBP जवानों ने पूर्वी लदाख में झड़पों के दौरान न सिर्फ खुद के बचाव के लिए शील्ड का प्रभावशाली उपयोग किया बल्कि बहुत पराक्रम के साथ संख्या में ज्यादा चीनी जवानों का सामना करते हुए उन्हें रोके रखा और स्थिति को नियंत्रण में रखा।'
चीनी सैनिकों के पत्थरों के हमले का मुहंतोड़ जवाब दिया- ITBP
बयान में आगे कहा गया है कि कई जगहों पर ITBP के जवान रातभर लड़ते रहे और चीनी सेना के पत्थरों के हमलों का मुहंतोड़ जवाब दिया। बयान में कहा गया है ऊंचाई वाले इलाकों में जंग की ट्रेनिंग के कारण ITBP हिमालय में तैनाती के दौरान कई सामरिक महत्व के क्षेत्रों और कई अति संवेदनशील इलाकों में कई मोर्चों को सुरक्षित रखने में सफल रही। गौरतलब है कि मई-जून में दोनों देशों की सेनाएं कई बार आमने-सामने आई थीं।
चीन के साथ झड़प में शहीद हुए थे 20 जवान
सीमा विवाद के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के रिश्तों में खटास और बढ़ गई है। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। वहीं चीन ने अपने नुकसान की जानकारी नहीं दी है।
कोरोना योद्धाओं के नाम भी भेजे गए
इसके साथ ही ITBP ने अपने 318 कर्मचारियों और अधिकारियों के नामों के साथ 40 अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों के नाम केंद्रीय गृह मंत्री विशेष ऑपरेशन ड्यूटी पदक के लिए भेजे हैं। ये सभी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहे हैं। ITBP ने ही दिल्ली के छावला में देश का पहला 1,000 बिस्तरों वाला क्वारंटाइन केंद्र बनाया था। साथ ही यह 10,000 बिस्तरों वाले कोविड देखभाल केंद्र और अस्पताल का संचालन कर रहा है।