शी जिनपिंग से मुलाकात में बोले प्रधानमंत्री मोदी- सीमा पर शांति बनाए रखना हमारी प्राथमिकता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रूस के कजान शहर में आयोजित 16वें BRICS शिखर सम्मेलन से अलग चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-चीन के संबंध बहुत अहम हैं। दोनों नेताओं के बीच यह 5 साल में पहली औपचारिक द्विपक्षीय बैठक रही है। यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब दोनों पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त के लिए एक समझौते पर सहमत हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया सीमा पर बनी सहमति का स्वागत
राष्ट्रपति जिनपिंग से हुई करीब एक घंटे की मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत और चीन के संबंधों का महत्व हमारे लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी बहुत अहम हैं। सीमा पर बनी सहमित का हम स्वागत करते हैं। सीमा पर शांति बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि हम आगे भी खुले-मन से बात करेंगे।" इस दौरान राष्ट्रपति जिनपिंग ने भी संबंधों की मजबूती पर बल दिया।
जिनपिंग ने दिया चीन-भारत के बीच सहयोग के महत्व पर जोर
बैठक के दौरान राष्ट्रपति जिनपिंग ने चीन और भारत के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया। चीन की ओर से जारी बयान के अनुसार, जिनपिंग ने कहा कि चीन और भारत के बीच सकारात्मक संबंध बनाए रखना दोनों देशों और उनके नागरिकों के मूल हितों के अनुरूप है। उन्होंने दोनों देशों के बीच संचार और सहयोग बढ़ाने का आग्रह किया और किसी भी विरोधाभास या मतभेद को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
जिनपिंग से मुलाकात के बाद क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी?
राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी पर एक्स पर लिखा, 'कजान BRICS शिखर सम्मेलन के अवसर पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। भारत-चीन संबंध हमारे देशों के लोगों के लिए तथा क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। आपसी विश्वास, परस्पर सम्मान और संवेदनशीलता द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेंगी।' बता दें की प्रधानमंत्री माेदी ने बैठक में भी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता को संबंधों का आधार बताया था।
विदेश मंत्रालय ने भी जारी किया बयान
प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी किया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि मतभेद सही ढंग से हल हों। बैठक में दोनों देशों ने सीमा पर शांति और स्थिरता पर जोर दिया। दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि भी अब जल्द ही मुलाकात करेंगे और विदेश मंत्री स्तर की बातचीत भी शुरू होगी।
आखिरी बार कब हुई थी दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता?
इस वार्ता से पहले प्रधानमंत्री मोदी और जिनपिंग के बीच 11 अक्टूबर, 2019 को चेन्नई के महाबलीपुरम में औपचारिक बैठक हुई थी। उसके बाद दोनों नेताओं के बीच नवंबर 2022 में बाली में G-20 नेताओं के लिए इंडोनेशियाई राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज में संक्षिप्त बातचीत हुई थी। उसके बाद दोनों अगस्त 2023 में BRICS सम्मेलन के दौरान जोहान्सबर्ग में संक्षिप्त अनौपचारिक रूप से मिले थे। बता दें कि 2014 से 2019 के बीच दोनों नेता 18 बार मिले थे।
कैसे संभव हुई दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बैठक?
दोनों नेताओं के बीच इस बैठक का फैसला मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त को लेकर दोनों देशों के बीच हुए महत्वपूर्ण समझौते के बाद किया गया था। इस समझौते के तहत भारत और चीन डेमचौक और देपसांग से अपनी सेनाओं को पीछे हटाने और इलाके में फिर से 2020 से पहले की तरह ही गश्त करने पर सहमत हुए हैं। दोनों देशों के विदेश विभाग ने इस समझौते की पुष्टि भी कर दी है।