सोमवार को भारत बंद, किसानों के साथ आईं कई राज्य सरकारें और पार्टियां
क्या है खबर?
नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया है। 27 सितंबर को इन तीनों कृषि कानूनों को राष्ट्रपति की मंजूरी मिले हुए एक साल पूरा हो जाएगा।
किसानों के बंद को पंजाब, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की सरकारों ने अपना समर्थन दिया है, वहीं कई संगठनों और राजनीतिक पार्टियों ने भी किसानों का साथ देने का ऐलान किया है।
आइये, बंद से जुड़ी तमाम बातें जानते हैं।
जानकारी
भारत बंद के दौरान इन सेवाओं पर पड़ेगा असर
बीते सप्ताह दिशानिर्देश जारी करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि भारत बंद के दौरान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध किया जाएगा और आम लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
बंद के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों के कार्यालयों, बाजार, दुकानों, फैक्ट्रियों, स्कूल, कॉलेज और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में कामकाज और किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होने दिया जाएगा।
साथ ही आंदोलनकारी सरकारी और निजी परिवहन को भी बाधित करेंगे।
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क्या रहेगा भारत बंद का समय?
जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह 6 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक भारत बंद किया जाएगा। हालांकि, इस दौरान दमकल, पुलिस और स्वास्थ्य जैसी आपात सेवाओं पर कोई रोक नहीं रहेगी। बता दें कि किसानों ने 5 सितंबर को इसका ऐलान किया था।
भारत बंद
किसानों के समर्थन में आईं ये सरकारें
पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भारत बंद के लिए किसान आंदोलन का समर्थन किया है। उनके अलावा आंध्र प्रदेश सरकार ने भी बंद को समर्थन देते हुए राज्य परिवहन की बसें रोकने की बात कही है।
तमिलनाडु में सरकार चला रही DMK ने लोगों, किसानों, मजदूरों और व्यापारियों से सोमवार को प्रदर्शनों में हिस्सा लेने का आह्वान किया है। पार्टी पदाधिकारियों को इस बंद को सफल बनाने के आदेश दिए गए हैं।
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LDF ने बुलाई हड़ताल
केरल में सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ने किसानों का साथ देते हुए 27 सितंबर को हड़ताल बुलाई है। LDF के संयोजक ए विजयराघवन ने कहा कि प्रदर्शन में करीब पांच लाख लोग शामिल होंगे और 100 से अधिक संगठनों ने इसे समर्थन दिया है।
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भारत बंद में शामिल होगी कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी ने भी 27 सितंबर को भारत बंद में शामिल होने का फैसला किया है।
पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने किसानों की दुर्दशा के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि 600 किसानों की मौत के बाद भी सरकार आंदोलनकारियों से बात करने के लिए आगे नहीं आ रही।
इसी तरह राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने भी किसानों को समर्थन देते हुए बंद में शामिल होने की बात कही है।
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बैंक यूनियन भी किसानों के समर्थन में
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन ने भारत बंद को समर्थन देते हुए सरकार से किसानों के साथ बातचीत करने की अपील की है। कॉन्फेडरेशन से जुड़ी सभी राज्यों की इकाईयां बंद में शामिल होंगी।
किसान आंदोलन
किसान आंदोलन का कारण क्या है?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए पिछले साल सितंबर में तीन नए कृषि कानून लाई थी।
इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।