सेना ने ध्वस्त किया उत्तर-पूर्व के सबसे बड़े विद्रोही संगठन का गुप्त और अवैध कैंप
मणिपुर में सेना ने विद्रोही संगठन NSCN (IM) के एक गुप्त और अवैध कैंप को ध्वस्त कर दिया है। इस कैंप पर मौजूद विद्रोही संगठन के सदस्य स्थानीय लोगों से वसूली कर रहे थे। उत्तर-पूर्व के सबसे बड़े विद्रोही संगठन NSCN (IM) और केंद्र सरकार के बीच युद्ध विराम है और उसे अपने सभी कैंपों की जानकारी सेना को देनी होती है। लेकिन उसके इस कैंप की जानकारी सेना को नहीं थी। मौके से हथियार भी बरामद हुए हैं।
भारी मात्रा में हथियार और युद्ध का सामान बरामद
सेना को मिली थी अवैध वसूली किए जाने की जानकारी
घटना के बारे में जानकारी देते हुए सेना ने बताया कि 6 जुलाई को मणिपुर के केकरु नागा गांव में सेना ने NSCN (IM) के एक अज्ञात और अनधिकृत ठिकाने को ध्वस्त कर दिया। सेना को केकरु नागा गांव में विद्रोही समूह के सदस्यों के अवैध वसूली करने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद 5 जुलाई की रात को ऑपरेशन लॉन्च किया गया। जब सेना कैंप के पास पहुंची तो विद्रोही सारा सामान छोड़ भाग खड़े हुए।
एक विद्रोही हिरासत में, बड़ी मात्रा में हथियार बरामद
कैंप से बड़ी मात्रा में हथियार, गोला बारूद, वर्दी और अन्य युद्ध के सामान मिले हैं। बरामद हथियारों में 125 राउंड के साथ अमेरिकी M16 राइफल, 26 राउंड के साथ ऑटो-लोडिंग राइफल और कुछ AK सीरीज की असॉल्ट राइफलें शामिल हैं। सेना को एक विद्रोही को पकड़ने में भी कामयाबी हासिल हुई, जो साधारण कपड़ो में लोगों के बीच छिपने की कोशिश कर रहा था। उससे पूछताछ की जा रही है।
अनधिकृत ठिकानों के बारे में पता लगा रही है सेना
सेना ने कहा कि वो NSCN (IM) के अवैध और अनधिकृत ठिकानों का पता लगाने के लिए पुलिस, खुफिया एजेंसियों, नागरिक प्रशासन और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर काम कर रही है। अपने बयान में सेना ने कहा, "मणिपुर में ऐसे अवैध NSCN (IM) ठिकानों की पहचान करने और उन्हें नष्ट करने के लिए तत्काल कार्रवाई की जा रही है। कैडरों द्वारा अत्याचार और इनकी गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए भी काम किया जा रहा है।"
1980 में हुई थी NSCN (IM) की शुरूआत
विद्रोही संगठन NSCN (IM) यानि नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (इसाक-मुइवा) का गठन 1980 में किया गया था। इसका नेतृत्व 85 वर्षीय थुइनगालेंग मुइवा करते हैं। NSCN-IM भारत से अलग होने की मांग लगातार करता रहा है और इसी कारण उस पर सैन्य कार्रवाई की गई थी। संगठन पर हत्या, वसूली और अन्य विध्वंसक गतिविधियों के आरोप भी हैं। बता दें कि नागालैंड में हिंसक आंदोलनों को पुराना इतिहास है।
सरकार के साथ शांति समझौते में है विद्रोही संगठन
NSCN-IM ने सबसे पहले 1997 में केंद्र सरकार के साथ शांति समझौता किया और तब से सरकार से उसकी शांति वार्ता जारी है। 2015 में उसने केंद्र की मोदी सरकार के साथ एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए अपनी सरकार की पीठ थपथपाई थी। उन्होंने कहा था कि इस समझौते के बाद इलाके में शांति आएगी। केंद्र सरकार ने इसे अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश किया था।