राजस्थान विधानसभा में गुर्जरों को 5 प्रतिशत आरक्षण का बिल पास, अब केंद्र पर दारोमदार
क्या है खबर?
राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने गुर्जरों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने वाले बिल को राज्य विधानसभा में पारित कर दिया है।
समुदाय को यह आरक्षण सरकारी नौकरियों और शिक्षा में दिया जाएगा। लेकिन समुदाय को आरक्षण मिलने में अभी भी कुछ अड़चने हैं।
राज्य में आरक्षण पहले ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50 प्रतिशत की सीमा को छू चुका है और नए कानून को प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार से संविधान में संशोधन कराना पड़ेगा।
गुर्जर आंदोलन
आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे हैं गुर्जर
बता दें कि आरक्षण के लिए गुर्जर पिछले हफ्ते से आंदोलन कर रहे हैं।
राज्य के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बताया कि अब अगला कदम केंद्र सरकार से संविधान में संशोधन कराने के लिए कहने का है, ताकि यह कानून लागू हो सके।
पायलट ने आगे कहा, "तमिलनाडु और महाराष्ट्र 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को पार कर चुके हैं और केंद्र सरकार ने भी हाल में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है।"
अमित शाह
अमित शाह से मिलेंगे कांग्रेस नेता
विधानसभा में पायलट ने कहा, "बिल पारित करने के बाद हम इसे केंद्र सरकार को भेजेंगे ताकि वह 10 प्रतिशत आर्थिक आरक्षण की तरह इसे भी संविधान संशोधन के साथ पारित कर सकें।"
उन्होंने आगे कहा, "भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के जयपुर के दौरे पर हम उनसे मुलाकात करेंगे और उनसे केंद्र में संविधान संशोधन के साथ बिल को पारित कराने को कहेंगे।"
उनकी बातों को मुद्दे को भाजपा के कंधों पर डालने का संकेत माना जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट
पहले भी गुर्जरों को मिला था 5 प्रतिशत आरक्षण
पायलट ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर गुर्जरों को धोखा देने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि वसुंधरा ने चुनाव अभियान में गुर्जरों को अनसूचित जनजाति का दर्जा देने का वादा किया था।
बता दें कि पहले भी गुर्जरों को 5 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था।
इस पर पायलट ने कहा, "इस बार परिस्थितियां दूसरी हैं। अब केंद्र ने ही 50 प्रतिशत की सीमा पार करके रास्ता साफ कर दिया है।"