मणिपुरः भाजपा सरकार, RSS की आलोचना करना पत्रकार को पड़ा भारी, मिली 1 साल की सजा
क्या है खबर?
मणिपुर में एक पत्रकार को राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की आलोचना करना भारी पड़ गया।
39 वर्षीय किशोरचंद्र वांगखेम को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत 12 महीने की हिरासत में रखने की सजा दी गई है।
किशोरचंद्र को पिछले महीने उनकी विवादित फेसबुक पोस्ट के कारण देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
इस वीडियो में उन्होंने मुख्यमंत्री को 'हिंदुत्व की कठपुतली' बताते हुए भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की आलोचना की थी।
मामला
पिछले महीने हिरासत में लिए गए थे किशोरचंद्र
किशोरचंद्र स्थानीय समाचार चैनल में रिपोर्टर और एंकर हैं। उन्हें 21 नवंबर को फेसबुक पर पोस्ट किए गए वीडियो के कारण गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री और सरकार के प्रति अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था।
किशोरचंद्र ने राज्य सरकार द्वारा झांसी की रानी के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम को लेकर टिप्पणी की थी।
25 नवंबर को उन्हें रिहा कर दिया गया, लेकिन दो दिन बाद ही उन्हें NSA के तहत हिरासत में ले लिया गया।
सबूत
'किशोरचंद्र के खिलाफ पर्याप्त सबूत'
किशोरचंद्र को हिरासत में लेने के बाद से इंफाल के सजीवा सेंट्रल जेल में रखा गया था।
NSA पर सलाहकार बोर्ड ने अपनी सिफारिश देते हुए कहा कि किशोरचंद्र के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
राज्यपाल नजमा हेपत्तुला ने NSA के तहत उन्हें हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत उन्हें अधिकतम एक साल तक जेल में रखा जा सकता है।
मांग
पत्नी ने की रिहाई की मांग
छात्र संगठनों समेत कई संगठन और वरिष्ठ पत्रकारों ने राज्य सरकार के इस कदम का विरोध किया है।
हालांकि, राज्य में किसी मीडिया संगठन ने किशोरचंद्र के समर्थन में आवाज नहीं उठाई है।
उनकी पत्नी ने राज्य सरकार के इस कदम के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्रालय में अपील की है।
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय से उनके पति के खिलाफ लगे आरोपों को वापस लेने की मांग की है। इस पर अभी तक मंत्रालय का कोई जवाब नहीं आया है।
कानून
क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, 1980
यह कानून सरकार को संदिग्ध व्यक्ति की गिरफ्तारी की शक्ति देता है। यह जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे भारत में लागू है।
इसके तहत अगर राज्य और केंद्र सरकार को लगे कि कोई व्यक्ति उसे देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कामों से रोक रहा है तो वह उसे गिरफ्तार कर सकती है।
साथ ही अगर सरकार को लगे कि कोई व्यक्ति कानून-व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में बाधा खड़ा कर रहा है तो वह उसे गिरफ्तार कर सकती है।