प्रधानमंत्री का मालदीव दौराः सर्वोच्च सम्मान से नवाजे जाएंगे मोदी, संसद को करेंगे संबोधित
क्या है खबर?
मालदीव सरकार ने शुक्रवार को भारत के प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्र के सर्वोच्च सम्मान निशान इज्जुद्दीन से नवाजने का फैसला लिया है।
मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के इस फैसले की घोषणा वहां के विदेश मंत्री अब्दुला शाहिद ने की।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि मालदीव ने प्रधानमंत्री मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजने का फैसला लिया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री की अगवानी में ट्विटर पर 'नमस्कार, स्वागतम' भी लिखा है।
विदेश दौरा
मालदीव पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पहले विदेश दौरे पर शनिवार को मालदीव पहुंच गए हैं। दौरे पर जाने से पहले उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सालों पुराने महत्वपूर्ण रिश्तों को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री मोदी पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने मालदीव गए थे। उनके साथ सुषमा स्वराज भी इस यात्रा पर गई थीं।
इसके बाद सोलिह ने दिसंबर में भारत की यात्रा की थी।
ट्विटर पोस्ट
मालदीव के सर्वोच्च सम्मान से नवाजे जाएंगे मोदी
President @ibusolih has announced his decision to confer on PM of India H.E. @narendramodi the Maldives highest honour accorded to foreign dignitaries, “The Most Honourable Order of the Distinguished Rule of Nishan Izzuddeen” during PM’s visit today. Namaskar, Swagatham 🙏
— Abdulla Shahid 🎈 (@abdulla_shahid) June 8, 2019
उद्घाटन
दो प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे प्रधानमंत्री मोदी
अपने मालदीव दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह संयुक्त रूप से दो प्रोेजेक्ट का उद्घाटन करेंगे।
दोनों नेता रिमोट के जरिए कोस्टल सर्विलांस राडार सिस्टम और मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स के ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन करेंगे। इन प्रोजेक्ट की लागत लगभग 180 करोड़ रुपये है।
प्रधानमंत्री मोदी का दिवसीय दौरा शनिवार से शुरू हो गया है। मालदीव सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे को राजकीय दौरे का दर्जा दिया है।
संसद को संबोधन
मालदीव संसद को करेंगे संबोधित
प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा के दौरान मालदीव की संसद को भी संबोधित करेंगे। इसके लिए उन्हें पिछले महीने ही निमंत्रण मिल चुका है।
मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुला शाहिद ने ट्वीट किया कि संसद ने सर्वसम्मति ने यह प्रस्ताव पारित किया है कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी आगामी यात्रा पर संसद को संबोधित करें।
बता दें, प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले दिसंबर, 2016 में अफगानिस्तान की संसद को संबोधित कर चुके हैं।
महत्व
मोदी ने पहले दौरे के लिए मालदीव को क्यों चुना?
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में BIMSTEC देशों के नेताओं को बुलाया था। इसमें मालदीव शामिल नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी इस दौरे के जरिए मालदीव को संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि वह भी भारत के लिए बाकी पड़ोसी देशों जितना महत्वपूर्ण है।
वहीं कई जानकार यह भी मानते हैं कि पहले दौरे के लिए मालदीव को चुनने का एक कारण चीन भी है। दरअसल, चीन मालदीव में अपने पैर पसार रहा है।
ट्विटर पोस्ट
पहले विदेश दौरे पर मालदीव पहुंचे प्रधानमंंत्री मोदी
Prime Minister Narendra Modi arrives at Male Airport. PM Modi is on his state visit to Maldives, this is his first overseas visit after his re-election. pic.twitter.com/BRNFyE9WJI
— ANI (@ANI) June 8, 2019
जानकारी
चीन को संदेश देने की कोशिश
प्रधानमंत्री मोदी को सम्मान देने के मालदीव के इस कदम को कूटनीतिक तौर पर अहम माना जा रहा है। वहां कुछ समय से चीन का प्रभाव बढ़ रहा है ऐसे में इस कदम से एक संदेश देने की कोशिश की गई है।
सम्मान
रूस और संयुक्त अरब अमीरात से मिल चुका है सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी को अभी तक कई देशों के सर्वोच्च सम्मान मिल चुके हैं। इसी साल अप्रैल में रूस ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना सर्वोच्च सम्मान 'आर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द अपॉसल' देने का ऐलान किया था। उन्हें यह सम्मान दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाई देने के लिए मिला था।
इससे पहले अप्रैल की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात ने प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्र का सर्वोच्च सम्मान 'जाएद मेडल' से सम्मानित किया था।
शांति पुरस्कार
2018 में मिला था सियोल शांति पुरस्कार
अक्तूबर, 2018 में सियोल शांति पुरस्कार समिति ने मोदी को सियोल शांति पुरस्कार से नवाजा था। प्रधानमंत्री मोदी यह पुरस्कार पाने वाले 14वें व्यक्ति बने। उन्हें यह सम्मान भारत और दुनिया की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए दिया गया।
सिंतबर, 2018 में संयुक्त राष्ट्र ने प्रधानमंत्री मोदी को चैंपियन ऑफ द अर्थ पुरस्कार से सम्मानित किया था। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी काम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने प्रधानमंत्री मोदी को यह पुरस्कार दिया।