टिक-टॉक को बैन करने पर विचार कर रही तमिलनाडु सरकार, जानिये वजह
तमिलनाडु सरकार टिक-टॉक ऐप पर बैन लगाने का विचार कर रही है। राज्य सरकार का कहना है कि वह इसके लिए केंद्र सरकार से बात करेगी। राज्य के सूचना और प्रसारण मंत्री एम मणिकंदन ने कहा कि इस ऐप के जरिए तमिलनाडु की संस्कृति को नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य की दूसरी पार्टियों ने भी इस बारे में चिंता जताई है, इसलिए इसे बैन करने का विचार किया जा रहा है।
ऐप पर अश्लीलता को बढ़ावा देने का आरोप
मणिकंदन ने कहा कि यह ऐप बच्चों और युवाओं को गुमराह कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी नेताओं ने कहा है कि इस ऐप पर वीडियो बनाने के लिए लोग अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं और कई मामले ऐसे सामने आए हैं जहां लोगों की जानें गई हैं। कुछ नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार को केंद्र से बात कर इस ऐप पर बैन लगाना चाहिए क्योंकि इसके जरिए अश्लीलता को बढ़ावा दिया जा रहा है।
टिक-टॉक पर एक नजर
टिक-टॉक चीनी कंपनी बाइटडान्स द्वारा बनाई गई एक सोशल मीडिया ऐप है। इसे सबसे पहले सितंबर, 2016 में लॉन्च किया गया था। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लॉन्च होने के दो साल बाद अक्तूबर, 2018 में यह अमेरिका में सबसे ज्यादा डाउनलोड होने वाली ऐप बन गई। तमिलनाडु में इस ऐप पर राजनेताओं का काफी मजाक उड़ाया जाता है। टिक-टॉक वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब शेयर किए जाते हैं।
लंबे समय से उठ रही है PUBG पर बैन की मांग
पिछले कुछ दिनों से ऑनलाइन गेम PUBG को भी बैन करने की मांग उठ रही है। इसके पक्ष में दलील दी जा रही है कि यह गेमर्स में हिंसक प्रवृति को बढ़ावा दे रहा है और इससे बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी एक कार्यक्रम में PUBG का जिक्र किया था। बॉम्बे हाई कोर्ट में भी इसे बैन करने की मांग वाली जनहित याचिका दायर की गई थी।