अमित शाह के पत्र के बाद ममता ने दी प्रवासी मजदूरों के लिए ट्रेनों की अनुमति
पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार को दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए आठ स्पेशल ट्रेनें चलाने की अनुमति दे दी है। पश्चिम बंगाल के ये मजदूर कोरोना वायरस संकट के बीच लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। ममता सरकार ने यह कदम गृह मंत्री अमित शाह के उस पत्र के बाद उठाया है, जिसमें राज्य सरकार ने 'अपेक्षित सहयोग' न करने का आरोप लगाया गया था।
अमित शाह ने लिखा था ममता को पत्र
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा था कि प्रवासी मजदूरों की घर वापसी में केंद्र को राज्य सरकार से 'अपेक्षित सहयोग' नहीं मिल रहा है। शाह ने अपने पत्र में लिखा, 'पश्चिम बंगाल प्रवासी मजदूरों से भरी ट्रेन को राज्य में पहुंचने नहीं दे रही। यह राज्य के प्रवासी मजूदरों के साथ अन्याय है। यह उनके लिए और मुश्किलें खड़ा करेगा।'
दो लाख मजदूरों को घर भेज चुकी केंद्र सरकार- शाह
शाह ने पत्र में यह भी लिखा कि केंद्र सरकार अब तक देशभर में दो लाख से ज्यादा मजदूरों को उनके घर भेजने की व्यवस्था कर चुकी है और पश्चिम बंगाल के मजदूर भी अपने घर जाना चाहते हैं। गौरतलब है कि प्रवासी मजूदरों की घर वापसी राज्य सरकार और केंद्र के बीच चल रही तनातनी का नया मुद्दा है। इससे पहले केंद्र ममता बनर्जी सरकार को राज्य में महामारी नियंत्रित करने के मामले पर घेर चुका है।
केंद्र की तरफ से पश्चिम बंगाल भेजी गई थी IMCT
बीते महीने केंद्र सरकार ने लॉकडाउन का सही पालन न होने की शिकायतें मिलने के बाद बंगाल में इंटर-मिनिस्ट्री सेंट्रल टीम (IMCT) भेजी थी। राज्य सरकार ने पहले इसका विरोध किया था। हालांकि, बाद में उसने टीम के लिए सारे बंदोबस्त किए। IMCT ने कोरोना वायरस संकट को संभालने में राज्य सरकार के कदमों की समीक्षा करने के बाद सौंपी रिपोर्ट में कहा कि ममता सरकार संक्रमण से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है।
गृह मंत्रालय ने पत्र मेें कही थी कम टेस्ट होने की बात
अमित शाह के अलावा गृह मंत्रालय ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल को एक और पत्र लिखकर कहा था कि राज्य में जनसंख्या के अनुपात में बेहद कम टेस्ट हो रहे हैं और यहां किसी भी राज्य की तुलना में कोरोना वायरस मरीजों की मृत्यु दर अधिक है। केंद्र ने पश्चिम बंगाल में मृत्यु दर 13.2 प्रतिशत बताई है। इससे पहले भी केंद्र और ममता बनर्जी सरकार राज्य में मरीजों की मौत की रिपोर्ट को लेकर आमने-सामने आ चुके हैं।
एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे पश्चिम बंगाल और केंद्र
केंद्र के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनु सेन ने कहा कि कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण है। एक यूनियन सेक्रेटरी ने झूठ से भरा पत्र लिखा है। उन्होंने केंद्र पर सांप्रदायिक कार्ड खेलने का आरोप लगाया। इस खींचतान के बीच पश्चिम बंगाल का कहना है कि केंद्र स्वास्थ्य संकट पर राजनीति कर रहा है वहीं केंद्र का कहना है कि राज्य सरकार कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई मजबूत करने के आदेशों को नजरअंदाज कर रही है।
संभावित हॉटस्पॉट में शामिल है पश्चिम बंगाल
बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को देखते हुए पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और ओडिशा को कोरोना वायरस के संभावित हॉटस्पॉट में रखा गया है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन राज्यों को टेस्टिंग और निगरानी बढ़ाने को कहा है।
पश्चिम बंगाल और देश में क्या है महामारी की स्थिति
पश्चिम बंगाल में 1,678 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है, जिनमें से 160 की मौत हुई है और 364 को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। पूरे देश की बात करें तो कुल संक्रमितों की संख्या 59,662 पहुंच गई है। इनमें से 39,834 सक्रिय मामले हैं, 17,847 लोग ठीक हो चुके हैं और 1,981 की मौत हुई है। पिछले 24 घंटों में 3,320 नए मामले सामने आए हैं और 95 मौतें हुई हैं।