सेनाओं के पीछे हटने से पहले NSA डोभाल ने की थी चीनी विदेश मंत्री से बातचीत
क्या है खबर?
गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने से पहले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वेंग यी ने आपस में फोन पर बातचीत की थी।
लगभग दो घंटे चली इस बातचीत में दोनों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सेनाओं को पूरी तरह से पीछे हटाना और तनाव को कम करना जरूरी है।
पृष्ठभूमि
गलवान घाटी में दोनों देशों ने एक-दो किलोमीटर पीछे हटाई सेनाएं
आज दिन में खबर आई थी कि गलवान घाटी में भारत और चीन ने अपने सैनिकों को 15 जून को हुई हिंसक झड़प वाली जगह से लगभग एक-दो किलोमीटर पीछे हटा लिया है। दोनों सेनाएं इलाके से अपने टेंट और वाहन हटाने में लगी हुई हैं और उनके बीच एक बफर जोन बनाया जा रहा है।
सूत्रों ने इसे शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लेह दौरे के बाद हुई गहन कूटनीतिक और सैन्य बातचीत का नतीजा बताया था।
भारत का बयान
रविवार को NSA डोभाल और चीनी विदेश मंत्री में हुई बातचीत
अब खबर आई है कि आज सेनाओं के पीछे हटने से पहले कल रविवार को NSA डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री से बातचीत की थी। भारत द्वारा जारी बयान के अनुसार, दोनों में मौजूदा सीमा विवाद को लेकर विचारों का स्पष्ट और गहरा आदान-प्रदान हुआ।
बातचीत में इस बात पर सहमति बनी कि द्विपक्षीय रिश्तों के विकास के लिए भारत-चीन सीमा पर शांति कायम रहना जरूरी है और इसके लिए जल्द से जल्द सेनाओं को पीछे हटाया जाना चाहिए।
बयान
दोनों देशों में LAC का सम्मान करने और यथास्थिति बनाए रखने पर सहमति
बयान के अनुसार, डोभाल और वेंग के बीच भारत-चीन सीमा पर चरणों में तनाव कम करने पर भी सहमति बनी। उन्होंने माना कि दोनों देशों को LAC का सम्मान करना चाहिए और किसी को भी एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
सीमा पर शांति भंग करने वाली घटनाओं को होने से रोकने के लिए दोनों साथ मिलकर काम करने को भी राजी हुए। दोनों आगे भी बातचीत करते रहेंगे और अन्य बातचीत भी जारी रहेंगी।
फिंगर्स एरिया
पेंगोंग झील के फिंगर्स एरिया में चीनी सैनिक अभी भी भारतीय इलाके में
चीन ने गलवान घाटी में अपने सैनिक भले ही पीछे हटा लिए हो, लेकिन पेंगोंग झील के पास फिंगर्स एरिया में उसके सैनिक अभी भी भारतीय इलाके में बने हुए हैं। फिंगर्स इलाके में स्थिति सबसे अधिक चिंताजनक है और यहां चीनी सैनिक फिंगर चार की चोटियों पर आकर बैठ गए हैं।
चीन ने इलाके में भारी मात्रा में सैनिक तैनात कर रखे हैं और अपना सैन्य सामान भी जमा कर लिया है।
सावधानी
चीन के सेनाएं पीछे हटाना शुरू करने के बावजूद भारतीय सेनाएं चौंकन्नी
'NDTV' के सूत्रों के मुताबिक, चीन के सेनाएं पीछे हटाना शुरू करने के बावजूद भारतीय सेनाएं चौंकन्नी बनी हुई हैं और पूरे मामले पर करीबी नजर रख रही हैं क्योंकि चीन पहले भी धोखा दे चुका है।
भारतीय सेना हॉट स्पिंग्स, पेट्रोल पॉइंट 15 और देपसांग में भी चीनी सैनिकों पर करीबी नजर रखे हुए है और देख रही है कि वह इन इलाकों में भी पीछे हटते हैं या नहीं।