चाइनीज ऐप्स बैन: कितनी थी टिक-टॉक और शेयरइट आदि की कमाई और पहुंच?
सोमवार को भारत सरकार ने 59 चाइनीज ऐप्स पर बैन लगा दिया था। बैन होने वाली ऐप्स में टिक-टॉक, UC ब्राउजर और कैमस्कैनर आदि शामिल हैं। इनकी पहुंच कई करोड़ लोगों तक थी। वहीं शेयरइट, टिक-टॉक और UC ब्राउजर जैसी बड़ी ऐप्स के लिए भारत कमाई का एक बड़ा स्त्रोत था और यहां बड़ी संख्या में लोग उनके लिए काम करते थे। आइये, कुछ बड़ी ऐप्स की पहुंच और कमाई पर नजर डालते हैं।
टिक-टॉक और हेलो
बाइटडांस इंडिया की टिक-टॉक और हेलो, दोनों के देशभर में लगभग 17 करोड़ एक्टिव यूजर्स थे। टिक-टॉक के लिए भारत उसका सबसे बड़ा बाजार था। भारत में टिक-टॉक को 61 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। हालांकि, कमाई के लिहाज से टिक-टॉक भारत में दूसरी जगहों से पीछे थी। 2018-19 में कंपनी ने 43.6 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया। वहीं अमेरिका में 16.5 करोड़ डाउनलोड के साथ टिक-टॉक ने पिछले साल 650 करोड़ रुपये कमाए।
भारत में है टिक-टॉक के 1,000 से ज्यादा कर्मचारी
टिक-टॉक के देशभर में आठ जगह ऑफिस है और 1,000 से ज्यादा लोग इनमें काम करते हैं। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बाइटडांस इंडिया किसी चीनी कंपनी के तहत नहीं आती। कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, बाइटडांस इंडिया की पैरेंट कंपनी बाइटडांस लिमिटेड केमैन आइलैंड में रजिस्टर्ड है। इसकी कुल पांच सब्सिडियरी है, जिनमें से टिक-टॉक एक है। टिक-टॉक लिमिटेड भी कैमैन आइलैंड में रजिस्टर्ड है। इसके तहत आने वाली सिंगापुर की टिक-टॉक प्राइवेट लिमिडेट भारत में टिक-टॉक संचालित करती है।
UC ब्राउजर और UC न्यूज
अलीबाबा ग्रुप के UC ब्राउजर और UC न्यूज को UC वेब मोबाइल प्राइवेट लिमिटेड संचालित करती है। यह अलीबाबा के डिजिटल मीडिया और एंटरटेनमेंट सेगमेंट में आता है। भारत में इनके 13 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर्स है। UC ब्राउजर 22 फीसदी मार्केट शेयर के साथ भारत में गूगल क्रोम के बाद दूसरा सबसे इस्तेमाल किया जाना वाला ब्राउजर है। भारत में कंपनी के लगभग 100 कर्मचारी हैं। बीते साल कंपनी का भारत में राजस्व 226.68 करोड़ रुपये रहा था।
UC में चीन से आता है FDI
भारत में UC न्यूज और UC ब्राउजर चलाने वाली कंपनी UC वेब मोबाइल प्राइवेट लिमिटेड में 99 फीसदी हिस्सेदारी ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड स्थित UC मोबाइल न्यू वर्ल्ड की है। बची हुई एक फीसदी UC मोबाइल इंटरनेशनल लिमिटेड की है, जो केमैन आइलैंड में रजिस्टर्ड है। हालांकि, सरकार के पास मौजूद जानकारी के मुताबिक, इसमें होने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) चीन से आता है। 31 मार्च, 2019 को खत्म हुए वित्त वर्ष में कंपनी का राजस्व 3.59 बिलियन डॉलर था।
शेयरइट
भारत के सबसे लोकप्रिय फाइल-शेयरिंग टूल्स में एक शेयरइट के 40 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं। हालांकि, यूजर्स की संख्या को देखते हुए कंपनी का राजस्व काफी कम है। 2018-19 में शेयरइट ने भारत में 14.73 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया, जो उसके वैश्विक राजस्व का 15-20 फीसदी हिस्सा है। भारत में काम करने वाली शेयरइट टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में 99.99 फीसदी हिस्सेदारी हांगकांग की शेयरइट HK टेक्नोलॉजी लिमिटेड की है।
क्लब फैक्ट्री
भारत की तीसरी सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी होने का दावा करने वाली क्लब फैक्ट्री के प्लेटफॉर्म पर 30,000 से ज्यादा विक्रेता जुड़े हुए हैं। भारत में यह ग्लोबमैक्स कॉमर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के तहत काम करती है, जिसमें 99.99 प्रतिशत हिस्सेदारी हांगकांग की कंपनी अनबीटन प्राइस लिमिटेड की है। बीते साल ग्लोबमैक्स का राजस्व 172 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा था। भारत में कंपनी के लगभग 90 कर्मचारी काम करते हैं।
कैमस्कैनर
दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली स्कैनिंग ऐप कैमस्कैनर के भारत में 10 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं। इसे शंघाई स्थित INTSIG इंफोर्मेशन कंपनी लिमिडेट चलाती है। भारत में यह रजिस्टर्ड नहीं है।