नेपाल: भारत के खिलाफ बयान पर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रधानमंत्री ओली से मांगा इस्तीफा
क्या है खबर?
भारत पर उन्हें सत्ता से बेदखल लगाने की कोशिश करने का आरोप नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर उल्टा पड़ गया है। देश की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने उनके बयान को गलत बताते हुए उनसे इस्तीफा मांगा है।
पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री ओली का ये आरोप भारत के साथ नेपाल के संबंधों को खराब कर सकता है।
पूरा मामला क्या है, आइए आपको बताते हैं।
नक्शा विवाद
नेपाल के नए नक्शे को लेकर विवादों में है ओली सरकार
नेपाल की ओली सरकार ने हाल ही में नेपाल का नया नक्शा मंजूर किया है जिसमें भारत के कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख को नेपाल के हिस्से में दिखाया गया है। इस नक्शे को नेपाली संसद से मंजूरी मिल चुकी है और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये आधिकारिक हो जाएगा।
ओली ने इस दौरान भारत को लेकर कई तीखे बयान भी दिए हैं। भारत इस नक्शे का विरोध कर रहा है और दोनों देशों में तनाव बना हुआ है।
आरोप
ओली बोले- भारत कर रहा सत्ता से बेदखल करने की कोशिश
इस विवाद में नया मोड़ तब आया जब रविवार को ओली ने कहा कि उनकी सरकार के नेपाल का नया नक्शा मंजूर करने के बाद भारत उन्हें सत्ता से बेदखल करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा था कि उन्हें सत्ता से हटाने के लिए दूतावासों और होटलों में विभिन्न गतिविधियां चल रही हैं।
उन्होंने नेपाल के कुछ नेताओं के भी भारत के साथ इस खेल में शामिल होने का आरोप लगाया था।
बयान
प्रचंड बोले- ओली का बयान गलत
ओली का ये बयान बालूवाटर में प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर हुई नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में भी छाया रहा।
बैठक में प्रचंड ने कहा, "प्रधानमंत्री का बयान कि भारत उन्हें हटाने के लिए षडयंत्र कर रहा है, ना तो राजनीतिक तौर पर ठीक है और ना ही कूटनीतिक तौर पर उचित है। प्रधानमंत्री के द्वारा ऐसा बयान पड़ोसी के साथ हमारे संबंधों को नुकसान पहुंचा सकता है।"
इस्तीफे की मांग
अन्य नेताओं ने मांगा ओली से इस्तीफा
प्रचंड के साथ-साथ वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल, झालानाथ खनल, उपाध्यक्ष बमदेव गौतम और प्रवक्ता नारायणकाजी श्रेष्ठ ने भी बैठक में प्रधानमंत्री ओली से उनके आरोपों के सबूत पेश करने और इस्तीफा देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को ऐसा अकूटनैतिक और गैर-राजनीतिक बयान देने के बाद नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
बैठक में ओली भी उपस्थित थे, लेकिन उन्होंने आरोपों का कोई भी जबाव नहीं दिया।
अन्य मामला
अप्रैल में भी वरिष्ठ नेताओं ने मांगा था ओली का इस्तीफा
बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब ओली से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग की गई है और इससे पहले अप्रैल में भी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता ओली से उनका इस्तीफा मांग चुके हैं।
वहीं प्रचंड लगातार पार्टी और सरकार के बीच तालमेल की कमी पर बोलते रहे हैं और उनका कहना है कि कम्युनिस्ट पार्टी को 'एक व्यक्ति, एक पद' व्यवस्था लागू करनी चाहिए।