
मेरठ में 2,500 रुपये में मिल रही थी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट, निलंबित किया अस्पताल का लाइसेंस
क्या है खबर?
देश में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या 6,97,413 पहुंच गई है और भारत दुनिया में तीसरा सबसे प्रभावित देश बन गया है।
अधिकतर राज्यों ने बाहर से आने वाले लोगों के लिए कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर रखी है।
ऐसे में अब उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्थित एक अस्पताल ने पैसे कमाने के लालच में कोरोना की फर्जी निगेटिव रिपोर्ट बनाना शुरू कर दिया। हालांकि, मामले का खुलासा होने पर अस्पताल को सील कर दिया गया है।
घटना
वायरल वीडियो में कही जा रही है निगेटिव रिपोर्ट बनाने की बात
HT के अनुसार मेरठ के जिला मजिस्ट्रेट अनिल ढींगरा ने बताया कि रविवार को सोशल मीडिया पर लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के न्यू मेरठ नर्सिंग होम का एक वीडियो वायरल हो रहा था। इसमें निर्सिंग होम में एक व्यक्ति कोरोना रिपोर्ट के लिए कर्मचारी से बात करता दिखाई दे रहा है।
बातचीत में उसे बताया जा रहा है कि यहां 2,500 रुपये में कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट बना दी जाएगी और और यह एक सप्ताह तक मान्य रहेगी।
दावा
सरकारी अस्पताल से रिपोर्ट आने का किया जा रहा है दावा
मजिस्ट्रेट ढींगरा ने बताया कि वीडियो में अस्पताल का स्टाफ एक व्यक्ति से कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट प्यारेलाल सरकारी अस्पताल से बनकर आने का दावा करता दिख रहा है।
अस्पताल स्टाफ यह भी बताता है कि असली टेस्ट जो जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में हो रहे हैं, उसे कराने में बड़ी परेशानी है। वहां से टेस्ट कराने जाओगे तो सैंपल अंदर से निकाला जाएगा और बड़ी दिक्कत होगी। उनकी सेटिंग से आसानी से निगेटिव रिपोर्ट मिल जाएगी।
जानकारी
वीडियो में शख्स को क्वारंटाइन के नाम से डराता दिख रहा है कर्मचारी
बता दें कि वीडियो में अस्पताल कर्मचारी उस शख्स को यह कहकर डराने की कोशिश कर रहा है कि सरकारी अस्पताल में रिपोर्ट पोजीटिव आ गई तो उसके पूरे परिवार को परेशानी झेलनी पड़ेगी। सभी को 14 दिन क्वारंटाइन कर दिया जाएगा।
कार्रवाई
अस्पताल को सील कर किया लाइसेंस निलंबित
मेरठ में कोरोना की फर्जी निगेटिव रिपोर्ट बनाने का मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों में हड़कंप मच गया।
जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ राजकुमार ने अस्पताल को सील कर दिया और उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया है।
CMO द्वारा अस्पताल के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। जांच में सामने आया है कि यह अस्पताल शहर में गत 11 वर्षों से संचालित हैं।
जानकारी
अस्पताल संचालक के खिलाफ दर्ज किया मामला
CMO ने बताया कि मामले में अस्पताल संचालक डॉ काशिफ, डॉ अरशद जावेद और शाह आलम के खिलाफ महामारी अधिनिय की धाराओं सहित धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है। मामला दर्ज होने के बाद से ही संचालक फरार हैं। उनकी तलाश जारी है।
कारण
इसलिए बनाई जाती है निगेटिव रिपोर्ट
चिकित्सा सूत्रों के अनुसार लोगों में कोरोना सक्रंमित पाए जाने पर क्वारंटाइन और 14 दिन अस्पताल में भर्ती होने का डर है।
ऐसे में घर में अगर कोई संक्रमित मिलता है तो उसको अस्पताल भर्ती करा दिया जाता है। जबकि अन्य लोगों की फर्जी रिपोर्ट दिखाकर जांच कराने से बच जाते हैं।
इसी प्रकार अगर किसी को बाहर जाना होता है तो वहां जाकर उसे क्वारंटाइन में रहना पड़ता है। निगेटिव रिपोर्ट से वह इस समस्या से बच जाता है।
संक्रमण
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 24,248 नए मामले सामने आए और 425 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। ये अब तक एक दिन में सामने आए दूसरे सबसे अधिक मामले हैं।
इसी के साथ देश में कुल मामलों की संख्या 6,97,413 हो गई है और वह रूस को पीछे छोड़ तीसरा सबसे अधिक प्रभावित देश बन गया है।
देश में 19,693 लोगों की कोरोना के संक्रमण से मौत हुई है, वहीं 2,53,287 सक्रिय मामले हैं।