मध्य प्रदेश के बाद अब गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा के आरोपियों की संपत्तियों पर चले बुलडोजर
क्या है खबर?
रामनवमी के मौके पर गुजरात के आणंद जिले के खंभात में हुई सांप्रदायिक हिंसा के आरोपियों के खिलाफ प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। शुक्रवार को स्थानीय प्रशासन के आदेश पर उन दुकानों पर बुलडोजर चला दिया गया, जहां से पत्थरबाजी की गई थी।
ये दुकानें इलाके में स्थित दरगाह के पास हैं और पुलिस को सबूत मिले हैं कि इन दुकानों में पहले से पत्थर लाकर छिपाए गए थे।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
पृष्ठभूमि
गुजरात के दो जिलों में हुई थी हिंसा
गुजरात के आणंद जिले के खंभात और साबरकंठा जिले के हिम्मतनगर में सांप्रदायिक हिंसा हुई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। दोनों जगहों पर पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएं हुई थीं।
पुलिस को उपद्रवियों पर काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले फायर करने पड़े।
पुलिस ने बताया कि खंभात में शोभयात्रा के दौरान जहां दो समूहों के बीच टकराव हुआ था, वहां से एक 65 वर्षीय बुजुर्ग की लाश मिली है।
जांच
पुलिस ने बताया पूर्वनियोजित हिंसा
मामले की जांच कर रही पुलिस ने पहले बताया था कि पूरी हिंसा पूर्वनियोजित थी। अब तक गिरफ्तार हुए नौ लोगों में से पुलिस ने तीन मौलानाओं और उनके साथियों को हिंसा के मुख्य आरोपी बताया है।
पुलिस का दावा है कि हिंसा से पहले कुछ लोगों को बाहर से खंभात में बुलाया गया था और पत्थर और दूसरी चीजें इकट्ठा की गईं। आरोपियों पर लोगों को आगजनी और पत्थरबाजी के लिए उकसाने का भी आरोप लगा है।
बयान
शांति बनाने के लिए गैरकानूनी दुकानों को हटाया गया- पुलिस
कार्रवाई के बारे में बताते हुए पुलिस ने कहा कि संवेदनशील इलाकों में शांति बने रहे, इसलिए गैरकानूनी दुकानों को हटाया गया है। बता दें कि रामनवमी के दिन हुई हिंसा में छह पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई थीं।
जानकारी
मध्य प्रदेश के खरगोन में भी चला था बुलडोजर
मध्य प्रदेश के खरगोन में भी रामनवमी के दिन सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। यहां हालात इस कदर बिगड़ गए थे कि पुलिस को कर्फ्यू लगाना पड़ा।
मामले में कार्रवाई करते हुए राज्य पुलिस ने 95 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा आरोपियों की 50 से अधिक अवैध संपत्तियों को चिन्हित कर उन पर बुलडोजर चला दिया। इनमें दुकानें और मकान शामिल हैं।
पुलिस का कहना है कि इस कार्रवाई का मकसद अपराधियों में भय कायम करना है।
सवाल
राज्य सरकारों की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल
अदालतों की तरफ से दोषी ठहराए जाने से पहले आरोपियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई को लेकर मध्य प्रदेश और गुजरात सरकार पर सवाल उठ रहे हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "कई राज्यों में रामनवमी पर दंगे भड़क गए, आग लग गई, आज उनके मकान तोड़े जा रहे हैं। यह अधिकार तो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पास भी नहीं होता है कि बिना तफ्तीश और दोषी ठहराए हुए आप किसी का मकान तोड़ दो।"
कार्रवाई
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर के इस्तेमाल का सिलसिला उत्तर प्रदेश से शुरू हुआ था। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सबसे पहले आरोपियों के घर ढहाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया था।
विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्षी पार्टियों ने योगी आदित्यनाथ को 'बुलडोजर बाबा' भी कहा था। इस पर पलटवार करते हुए योगी ने कहा था कि उन्होंने फिलहाल बुलडोजरों को मरम्मत के लिए भेजा है।
अब बाकी राज्यों में भी ऐसी कार्रवाईयां शुरू हो गई हैं।