मध्य प्रदेश: योग को स्कूली पाठ्यक्रम में किया जाएगा शामिल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ऐलान
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी के भयावह दौर से गुजर चुके मध्य प्रदेश में अच्छी सेहत की दिशा में नया कदम उठाया गया है। यहां योग को स्कूली शिक्षा का हिस्सा बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के लिए गठित टास्क फोर्स की बैठक में कहा कि अब योग को खेल के रूप में विकसित कर स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाएगा।
आयोग
योग के विस्तार के लिए योग आयोग का होगा गठन- मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "योग को खेल के रूप में विकसित कर स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाएगा। प्रदेश में जन-जन तक योग के विस्तार के लिए योग आयोग का गठन किया जाएगा। योग की शिक्षा को स्कूल स्तर पर जोड़ने से शिक्षा को रुचिकर बनाने और विद्यार्थियों के स्वास्थ्य संवर्धन में सहायता मिलेगी।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और व्यवस्थाओं में निरंतर सुधार किया जा रहा है।
शिक्षा
शिक्षा को रुचिकर बनाने के प्रयासों से निजी स्कूलों की ओर आकर्षण कम होगा- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री का मानना है कि शिक्षा को रुचिकर बनाने की दिशा में जारी इन प्रयासों से निजी स्कूलों की तरफ जन-सामान्य का आकर्षण कम होगा।
उन्होंने कहा, "इस दिशा में जारी गतिविधियों के परिणाम शीघ्र ही प्रदेशवासियों को देखने को मिलेंगे। शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना है। प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में व्यावसायिक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा देने की प्रभावी पद्धति का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा।"
गठन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए टास्क फोर्स का गठन
स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा, "इसमें राज्य पाठ्यक्रम के लिए चार फ्रेमवर्क समूह और स्टेट केरीकुलम फ्रेमवर्क के विकास के लिए राज्य स्तर पर 25 फोकस ग्रुप गठित किए गए हैं। टास्क फोर्स में 24 अशासकीय सदस्य और 26 शासकीय सदस्य हैं।"
न्यूजबाइट्स प्लस
21 जून को क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस?
बता दें कि 27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' का विचार पहली बार प्रस्तावित किया था।
इसके बाद 11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के राजदूत अशोक कुमार मुखर्जी ने 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' पर एक मसौदा पेश किया गया जिसे 177 देशों से समर्थन मिला और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गयी।