सरकार ने जायकोव-डी वैक्सीन की एक करोड़ खुराकों का ऑर्डर दिया, इसी महीने मिलने की उम्मीद
भारत के वैक्सीनेशन अभियान में इस महीने एक और वैक्सीन शामिल होने जा रही है। दरअसल, केंद्र सरकार ने गुजरात स्थित फार्मा कंपनी जाइडस कैडिला को तीन खुराक वाली वैक्सीन जायकोव-डी (ZyCoV-D) की एक करोड़ खुराकों का ऑर्डर दे दिया है। सूत्रों ने बताया कि 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों पर इस वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर विचार-विमर्श अंतिम दौर में है और इसकी खुराकें इसी महीने सरकार को मिल सकती हैं।
अगस्त में वैक्सीन को मिली थी मंजूरी
प्लास्मिड DNA प्लेटफॉर्म पर बनी जायकोव-डी को अगस्त में भारत में 12 साल से अधिक आयुवर्ग पर आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। देश में 18 साल से कम आयुवर्ग पर इस्तेमाल के लिए मंजूरी पाने वाली यह पहली वैक्सीन है और तीसरे चरण के ट्रायल में इसे 66.66 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था। इसकी खास बात है कि इसे लगाने के लिए सुई वाले इंजेक्शन की जरूरत नहीं होगी। यह इंट्राडर्मल इंजेक्शन होगा, जिसे ऐप्लिकेटर के जरिए लगाया जाएगा।
इन दो बिंदुओं पर किया जा रहा विचार
इंडियन एक्सप्रेस ने सरकारी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि वैक्सीनेशन पर सलाह के लिए बना नेशनल टेक्निकल एडवायजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (NTAGI) इस वैक्सीन से जुड़े दो पहलुओं पर चर्चा कर रहा है। इसमें पहला यह है कि व्यस्कों की किस श्रेणी में इस DNA वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाए और क्या बच्चों पर इसके इस्तेमाल की सिफारिश की जा सकती है? इन दोनों पर अंतिम फैसला होने के बाद वैक्सीन इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो जाएगी।
क्या हैं इस वैक्सीन की खूबियां?
शरीर के अंदर जाने पर जायकोव-डी कोरोना जैसी स्पाइक प्रोटीन बनाएगी, जिन्हें पहचान कर इम्युन सिस्टम एंटीबॉडीज बनाना शुरू कर देगा। इन्हें वेरिएंट्स के हिसाब से बदला जा सकता है। DNA प्लेटफॉर्म पर आधारित होने के कारण इस वैक्सीन को स्टोरेज के लिए बहुत ठंडे तापमान की जरूरत नहीं होती और इसकी लागत भी कम है। इसके अलावा इसके उत्पादन के लिए कोवैक्सिन और दूसरी वैक्सीनों की तरह अति उच्च जैव सुरक्षा वाले संयंत्र की जरूरत नहीं होती।
28वें दिन दूसरी और 56वें दिन लगेगी तीसरी खुराक
जायडस की वैक्सीन की दूसरी खुराक को पहली खुराक के 28वें दिन और तीसरी खुराक को 56वें दिन दिया जाएगा। कंपनी दो खुराकों वाली वैक्सीन पर भी काम कर रही है। इसके लिए नियामक संस्था ने अतिरिक्त आंकड़ों की मांग की है।
क्यों हो रही इस्तेमाल में देरी?
अगस्त में मंजूरी मिलने के बाद माना जा रहा था कि अक्टूबर में इस वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं पाया। इस बारे में बताते हुए नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने पिछले महीने कहा था कि इस वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षण और लॉजिस्टिक के मुद्दों पर काम चल रहा है। पहली बार वैक्सीन लगाने के लिए भारत में ऐप्लिकेटर का उपयोग किया जाएगा। ऐसे में इसकी तैयारी की जा रही है।
वैक्सीनेशन अभियान की क्या स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 1,08,47,23,042 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बीते दिन 23,84,096 खुराकें लगाई गईं। धीरे-धीरे वैक्सीनेशन अभियान रफ्तार पकड़ रहा है।