मध्य प्रदेश: जिला प्रशासन ने खरगौन हिंसा के आरोपियों की 45 अवैध संपत्तियों को गिराया
मध्य प्रदेश के खरगौन में रामनवमी पर निकाली गई शोभायात्रा पर पथराव के बाद भड़की हिंसा और आगजनी की घटना के मामले में सरकार ने सख्ती कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने मामले में अब तक 84 उपद्रवियों को हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा जिला प्रशासन ने उपद्रवियों की 45 अवैध संपत्तियों को चिन्हित करते हुए उन्हें ध्वस्त करना शुरू कर दिया है। प्रशासन ने इन संपत्तियों को अतिक्रमण करार देकर कार्रवाई की है।
खरगौन में कैसे भड़की थी हिंसा?
बता दें खरगौन में रामनवमी पर तलब चौक से शोभायात्रा निकाली गई थी। उस दौरान लाउडस्पीकर पर बज रहे गानों को लेकर समुदाय विशेष के लोगों से विवाद हो गया था। उसके बाद असमाजिक तत्वों ने शोभायात्रा पर पथराव किया और कई जगहों पर आग लगा दी थी। इससे निपटने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे। ऐसे में प्रशासन ने बढ़ते तनाव को देखते हुए और हालातों से निपटने के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा था।
SP को भी आई थी चोट
हिंसा के दौरान चार घरों को आग लगा दी गई और मंदिर को भी नुकसान पहुंचाया गया है। उपद्रवी को काबू में करने के दौरान पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी समेत कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई थी। उन सभी का उपचार चल रहा है।
हिंसा के मामले में 84 आरोपियों को गिरफ्तार किया
द हिंदू के अनुसार, इंदौर के संभागीय आयुक्त पवन शर्मा ने कहा, "सरकार की दंगों को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति है। हिंसा के मामले में अब तक 84 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा गिरफ्तार किए गए आरोपियों की 45 अवैध संपत्तियों को भी ध्वस्त किया गया है।" उन्होंने कहा, "जिन अवैध निर्माणों को तोड़ा गया है उनमें मकान और दुकानें शामिल हैं। आरोपियों ने अतिक्रमण करते हुए इनका निर्माण कराया था।"
यहां देखें कार्रवाई का वीडियो
अवैध निर्माण गिराने के पीछे क्या है उद्देश्य?
कोर्ट के फैसले से पहले अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के सवाल पर शर्मा ने कहा, "अगर कोई अवैध निर्माण है तो हम संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई कर सकते हैं। ये सभी संपत्तियां सांप्रदायिक दंगों के मामले के आरोपियों की हैं।" उन्होंने कहा, "इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य आरोपियों में आर्थिक नुकसान का डर पैदा करना है, ताकि भविष्य में अन्य लोग इस तरह की हिंसा में शामिल होने से पहले कतराए। इससे शांति व्यवस्था भी कायम रहेगी।"
आरोपियों से की जाएगी सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान की भरपाई
शर्मा ने कहा कि हिंसा के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई आरोपियों से की जाएगी। इसको लेकर सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। शर्मा के अलावा खरगौन आए पुलिस महानिरीक्षक (IGP) राकेश गुप्ता ने कहा कि शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है और असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। अब तक 84 आरोपी पकड़े जा चुके हैं और अन्य की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
चार सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई
शर्मा ने बताया कि सांप्रदायिक हिंसा को लेकर अफवाह फैलाने के लिए चार सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। इनमें से तीन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है, जबकि चौथे कर्मचारी को निलंबित किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ की जाएगी सख्त कार्रवाई- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "दंगाइयों की पहचान कर ली गई है और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मध्य प्रदेश में दंगाइयों के लिए कोई जगह नहीं है।" उन्होंने कहा, "हमने सार्वजनिक और निजी संपत्ति वसूली अधिनियम पारित किया है। हम अधिनियम के तहत एक दावा न्यायाधिकरण का गठन कर रहे हैं और नुकसान का आकलन करने के बाद इसकी वसूली भी दंगाइयों से की जाएगी।"
गृह मंत्री ने हिंसा के लिए मुस्लिमों को ठहराया जिम्मेदार
राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हिंसा के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, "अगर मुसलमान इस तरह के हमले करते हैं तो उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। जिन घरों से पथराव किया गया था, उन्हें मलबे में बदल दिया जाएगा। सरकार किसी को भी शांति भंग करने की इजाजत नहीं देगी। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।" उन्होंने कहा, "कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।"