
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में हुई 97 लोगों की मौत, रेल मंत्री ने राज्यसभा ने दी जानकारी
क्या है खबर?
कोरोना महामारी के कारण देश में लागू किए गए लॉकडाउन में प्रवासी मूजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में कुल 97 लोगों की मौत हुई है।
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद डेरेक ओ ब्रायन द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही है।
बता दें कि 30 मई को रेलवे सुरक्षा बल ने 27 मई तक 80 मौत बताई थी।
सवाल
TMC सांसद ने मांगी थी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में हुई मौत की जानकारी
हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार राज्यसभा में TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में हुई मौतों की जानकारी मांगी थी।
रेल मंत्री गोयल ने कहा कि 1 मई से 9 सितंबर के बीच श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में कुल 97 लोगों की मौत हुई है। राज्य पुलिस ने 87 शवों का पोस्टमार्टम कराया था और अब तक 51 की रिपोर्ट आ चुकी है।
इसमें मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट, होर्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज, पुरानी बीमारी होना सामने आया है।
जानकारी
63.19 लाख श्रमिकों को पहुंचाया घर
रेल मंत्री ने कहा 1 मई से शुरू की गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन 31 अगस्त तक किया गया था। इस दौरान कुल 4,621 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया। इनके जरिए देश के 63.19 श्रमिकों को उनके घरों तक पहुुुंचाया गया है।
जिम्मेदारी
राज्य पुलिस पर होती है रेलवे परिसर में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी
रेल मंत्री ने कहा कि ट्रेन में अपराधों की रोकथाम, मामला दर्ज कर जांच करना, रेलवे परिसर में कानून व्यवस्था तथा ट्रेनों के व्यवस्थित रखरखाव की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की जिम्मेदारी होती है।
इसके लिए राजकीय रेलवे पुलिस का गठन किया गया है। इसी तरह यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी RPF की होती है, जो GRP की मदद करती है।
राज्य पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार 9 सितंबर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में तक 97 मौतें हुई हैं।
शिकायत
श्रमिक ट्रेनों के संचालन के दौरान IRCTC को मिली कुल 113 शिकायत
एक अन्य सवाल के जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि 1 मई से 31 अगस्त तक संचालित की गई 4,621 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में भोजन, पानी और अन्य सुविधाओं को लेकर IRCTC को कुल 113 शिकायतें मिली थीं।
इन पर कार्रवाई की गई थी। इसी तरह उन्होंने बताया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रियों से कोई किराया नहीं वसूला गया था।
इसके लिए निर्धारित किया गया 15 प्रतिशत कियाराया सीधे राज्य सरकारों से लिया गया है।
जानकारी
राज्य सरकारों से किराए के रूप में लिए 433 करोड़ रुपये
रेल मंत्री ने बताया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन के लिए राज्य सरकारों से किराए के रूप में 433 करोड़ रुपये लिए गए हैं। यह कुल किराए का 15 प्रतिशत हिस्सा था। इसी तरह 85 प्रतिशत किराया रेलवे ने खुद वहन किया है।
बवाल
श्रम मंत्रालय के बयान से मच गया था लोकसभा में हंगामा
इस सप्ताह की शुरुआत में लोकसभा में विपक्ष ने सरकार से 25 मार्च से लागू किए गए कुल 68 दिन के लॉकडाउन में हुई कुल मौतों की जानकारी मांगी थी।
इस पर श्रम मंत्रालय ने कहा था कि लॉकडाउन के दौरान जान गंवाने वाले प्रवासी मजदूरों को कोई डाटा उनके पास नहीं है। इसको लेकर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ था।
उस दौरान यह बात भी सामने आई थी बिना डाटा के किसी को मुआवजा भी नहीं दिया गया है।