जानें कौन हैं हेमंत सोरेन जो बन सकते हैं झारखंड के अगले मुख्यमंत्री
क्या है खबर?
झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे लगभग साफ हो चुके हैं और कांग्रेस-झारखंड मुक्ति मोर्चा-राष्ट्रीय जनता दल (RJD) गठबंधन सरकार बनाने की ओर अग्रसर है।
गठबंधन अभी राज्य की 81 सीटों में से 47 सीटों पर आगे चल रहा है, बहुमत पास करने के लिए 41 सीटों की जरुरत है।
गठबंधन की सरकार बनने की स्थिति में JMM के हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बनेंगे।
सोरेन कौन हैं और उनका अब तक का राजनीतिक सफर कैसा रहा है, आइए जानते हैं।
परिवार और शिक्षा
शिबू सोरेन के बेटे हैं हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन झारखंड के दिग्गज नेता और तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके शिबू सोरेन के बेटे हैं।
हेमंत का जन्म 10 अगस्त 1975 को रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में हुआ था।
उनकी पत्नी कल्पना सोरेन एक निजी स्कूल चलाती हैं और उनके निखिल और अंश नाम के दो बेटे हैं।
हेमंत ने पटना से 12वीं करने के बाद रांची के BIT मेसरा में इंजीनियरिंग में दाखिला लिया, लेकिन कोर्स पूरा किए बिना ही पढ़ाई बीच में छोड़ दी।
राजनीतिक सफर
2009 में की राजनीति में एंट्री
हेमंत ने 2009 में राजनीति में कदम रखा और राज्यसभा के सांसद चुने गए।
इससे पहले वो 2003 से छात्र राजनीति में सक्रिय थे। दिसंबर 2009 में झारखंड में विधानसभा चुनाव हुए जिसमें हेमंत पहली बार चुनावी मैदान में उतरे।
दुमका सीट से जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और चुनाव बाद बनी भाजपा और JMM की गठबंधन सरकार में उप मुख्यमंत्री बने।
भाजपा के अर्जुन मुंडा इस सरकार के मुख्यमंत्री थे।
मुख्यमंत्री
2013 में बने थे मुख्यमंत्री
2013 में JMM ने अर्जुन मुंडा सरकार से समर्थन वापस ले लिया और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई।
इसके बाद हेमंत ने कांग्रेस और RJD के समर्थन से सरकार बनाई और राज्य के मुख्यमंत्री बने।
लेकिन 2014 विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी हार गई और भाजपा ने ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) के साथ सरकार बना ली।
खुद हेमंत दुमका सीट से हार गए लेकिन बरहेट सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे।
गठबंधन की सरकार
अब फिर से बन सकते हैं मुख्यमंत्री
इस बार भी हेमंत दुमका और बरहेट दोनों सीटों से चुनाव लड़े हैं और उन्होंने कांग्रेस और RJD से चुनाव पूर्व ही गठबंधन कर लिया था।
अब ये गठबंधन सरकार बनाने की तरफ बढ़ रहा है। अगर गठबंधन बहुमत के आंकड़े से एक-दो सीट पीछे रह भी जाता है तो भी वो निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से सरकार बना लेगा।
तीन सीटों पर आगे चल रही बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा (JVM) पार्टी भी उन्हें समर्थन दे सकती है।
संपत्ति
10 साल में 11 गुना बढ़ी हेमंत की संपत्ति
हेमंत सोरेन की संपत्ति पिछले 10 साल में 11 गुना बढ़ी है।
चुनावी हलफनामों के अनुसार, 2009 में जहां उनकी संपत्ति 73 लाख 57 हजार रुपये थी जो अब बढ़कर आठ करोड़ रुपये हो गई है।
2014 से तुलना करें तो उनकी संपत्ति में अब तक दोगुना इजाफा हुआ है।
2014 विधानसभा चुनाव के समय दाखिल किए गए अपने हलफनामे में उन्होंने अपनी संपत्ति तीन करोड़ 50 लाख रुपये बताई थी।