सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों को भेजा प्रस्ताव, MSP पर लिखित आश्वासन की बात कही

केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों के विरोध में डटे किसानों को अपना प्रस्ताव भेज दिया है। 20 पन्ने के इस मसौदे में सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर लिखित गारंटी देने का आश्वासन दिया है। किसान संगठनों के नेता इस प्रस्ताव पर विचार कर अपनी रणनीति तय करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किसान नेताओं की आज शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी है, जिसमें वो अपनी आगे की रणनीति का ऐलान कर सकते हैं।
प्रस्ताव में सरकार ने कहा है कि MSP की व्यवस्था खत्म नहीं होगी। यह जारी रहेगी और सरकार इस पर लिखित आश्वासन देने को तैयार है। APMC एक्ट में बड़ा बदलाव होगा। साथ ही किसानों की शंकाओं का समधान करते हुए सरकार निजी कंपनियों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करेगी और उन पर टैक्स लगेगा। सरकार ने अनुबंध खेती में किसानों को अदालत जाने का हक देने और अलग फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की बात कही है।
बतौर रिपोर्ट्स, कृषि भूमि की कुर्की के संबंध में इस प्रस्ताव में विचार करने की बात लिखी गई है, लेकिन कोई आश्वासन नहीं दिया गया है। किसान की जमीन पर बनाए गए किसी ढांचे पर खरीदार कोई कर्ज नहीं ले सकेगा और न ही वह इस ढांचे को बंधक रख पाएगा। किसानों की जमीन पर बड़े व्यापारियों के कब्जे की आशंका के बारे में कहा गया है कि इसे लेकर कानून में प्रावधान किया जा चुका है।
Farmer leaders at Singhu Border receive a draft proposal from the Government of India#FarmLaws pic.twitter.com/zBQuOjY3F3
— ANI (@ANI) December 9, 2020
कृषि कानूनों पर बीच का रास्ता निकालने के लिए मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों के साथ बैठक की थी। इसमें उन्होंने कहा कि सरकार इन कानूनों को वापस नहीं ले सकती, लेकिन वह इनमें संशोधन को तैयार है। इसी बैठक में प्रस्ताव भेजने पर बात हुई थी। दूसरी तरफ किसानों का कहना है कि उन्हें संशोधन स्वीकार नहीं हैं और जब तक सरकार कानूनों को वापस नहीं लेती, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
किसान संगठन कानूनों को निरस्त करने की मांगों पर अड़े हुए हैं। इनका कहना है कि अगर सरकार जिद्द पर उतर सकती है तो किसान भी उतर सकते हैं। किसान संघर्ष समिति के कंवलप्रीत सिंह पन्नू ने सरकार के इस प्रस्ताव से पहले ही कह दिया था कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था, "हमारी यह एक मांग है। अगर सरकार संशोधन की बात करेगी, तो हम उसे खारिज कर देंगे।"
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।