लॉकडाउन में पैदल घर जाने के दौरान दुघर्टना में हुई 42 प्रवासी मजदूरों की मौत
देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है। लॉकडाउन में वाहनों का संचालन बंद होने से दुर्घटनाओं में भारी कमी आने की बात कही जा रही है। हालांकि, लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों का संचालन होने के चलते देश में कुल 600 दुर्घटनाएं हुई हैं। इन दुर्घटनाओं में कुल 140 लोगों की मौत हुई है। इन मृतकों में 30 प्रतिशत पैदल घर जाने वाले प्रवासी मजदूर शामिल थे।
सेव लाइफ फाउंडेशन की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
दुघर्टनाओं में लोगों की जान बचाने के लिए काम करने वाले सेव लाइफ फाउंडेशन की द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में दुर्घटना के इन आंकड़ों का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार देश में 25 मार्च को लागू किए गए लॉकडाउन से लेकर 3 मई को खत्म हुए लॉकडाउन के दूसरे चरण तक देश में 600 दुर्घटनाएं हुईं। इन दुघर्टनाओं में कुल 140 लोगों की मौत हुई थीं। इनमें 43 अपने घर जाने वाले प्रवासी मजदूर शामिल थे।
आठ मजदूरों की तेज रफ्तार ट्रक और कार की चपेट में आने से हुई मौत
रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन में हुई दुर्घटना में 8 प्रवासी मजदूरों की पैदल चलते समय तेज रफ्तार ट्रक और कार की चपेट में आने से मौत हुई है। इसी तरह मरने वाले अन्य 35 श्रमिक दुघर्टनाग्रस्त हुए वाहनों में सवार होकर घर जा रहे थे।
आवश्यक सेवाओं में लगे 17 श्रमिकों की भी हुई मौत
रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन में हुई दुर्घटना में 43 प्रवासी मजदूरों के अलावा आवश्यक सेवाओं में लगे 17 मजदूरों की भी मौत हुई है। ये सभी आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों के चालक और खलासी थे। शेष मौत अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों में सवार कर्मचारी, व्यापारी और कार्यकर्ताओं की हुई है। रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन में ये हादसे सड़कों के खाली होने पर तेज रफ्तार में वाहन चलाने के कारण हुए।
नौ राज्यों में हुई 100 से अधिक मौत
सेव लाइफ फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पीयूष तिवारी ने बताया कि लॉकडाउन में पूरे देश में घटित 600 दुर्घटनाओं में हुई कुल 140 लोगों की मौत में से 100 से ज्यादा मौतें नौ राज्यों में हुई हैं। इन राज्यों में दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, केरल, कर्नाटक, राजस्थान, पंजाब और तमिलनाडु शामिल है। इस दौरान पंजाब में सबसे ज्यादा मौत हुई। उसके बाद केरल, दिल्ली और कर्नाटक का नंबर आता है।
सरकार को लॉकडाउन में सड़कों की तकनीकी खामी को दूर करना चाहिए- तिवारी
फाउंडेशन के CEO तिवारी ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार देश में आमतौर पर प्रतिदिन औसतन 1279 दुर्घटनाएं होती हैं और इनमें प्रतिदिन औसतन 417 लोगों की जान जाती है। इस हिसाब से लॉकडाउन में दुघर्टनाओं का प्रतिशत बहुत कम रहा है। उन्होंने सरकार को लॉकडाउन में सड़कों की तकनीकी खामी, रोड लाइट और टूट-फूट सहित अन्य कमियों को ठीक कराने का सुझाव दिया है।