पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं 308 भारतीय कैदी, भारतीय जेलों में 417 पाकिस्तानी बंद
क्या है खबर?
पाकिस्तान ने अपनी जेलों में बंद 308 भारतीय कैदियों की सूची इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग को सौंपी है। इनमें 266 मछुआरे और 42 नागरिक शामिल हैं।
पाकिस्तान को भी भारतीय जेलों में बंद 417 पाकिस्तानी कैदियों की सूची सौंपी गई है, जिनमें 343 नागरिक और 74 मछुआरे शामिल हैं।
गौरतलब है कि एक समझौते के तहत भारत और पाकिस्तान हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को एक-दूसरे की हिरासत में रहने वाले कैदियों की सूची का आदान-प्रदान करते हैं।
बयान
इस साल पाकिस्तानी जेलों से रिहा हुए 398 भारतीय मछुआरे
भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान सरकार से सभी भारतीय कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का की मांग की है।
मंत्रालय ने कहा कि वर्ष 2014 से अब तक केंद्र सरकार के लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप करीब 2,559 भारतीय मछुआरों और 63 नागरिकों को पाकिस्तान से वापस लाया गया है।
इनमें से 398 भारतीय मछुआरे और 5 नागरिक ऐसे हैं, जिन्हें इस साल पाकिस्तान की जेलों से रिहा किया गया था।
बयान
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से की कार्रवाई में तेजी लाने की मांग
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान सरकार से आगे कहा कि भारत एक-दूसरे के देश में कैदियों और मछुआरों से संबंधित मामलों सहित सभी मानवीय मामलों को प्राथमिकता के आधार पर संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत ने पाकिस्तान से मछुआरों समेत 62 पाकिस्तानी कैदियों की राष्ट्रीयता की स्थिति की पुष्टि करने के लिए अपने स्तर पर आवश्यक कार्रवाई में तेजी लाने का आग्रह किया है, जिनकी वापसी पाकिस्तान से राष्ट्रीयता की पुष्टि के अभाव में लंबित है।
मांग
सजा पूरी कर चुके कैदियों को रिहा करे भारत सरकार- पाकिस्तान
पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा कि उसने भारत के साथ उसकी जेलों में बंद भारतीय कैदियों की सूची दी है और दिल्ली में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग को भी पाकिस्तानी कैदियों की सूची मिल गई है।
पाकिस्तान ने भारत सरकार से उन पाकिस्तानी नागरिक कैदियों और मछुआरों को रिहा करने की मांग की है, जिन्होंने अपनी-अपनी सजा पूरी कर ली है और उनकी राष्ट्रीय स्थिति की पुष्टि हो गई है।
समझौता
2008 में हुआ था जानकारी साझा करने को लेकर समझौता
भारत और पाकिस्तान के बीच कैदियों की जानकारी साझा करने को लेकर वर्ष 2008 में समझौता हुआ था, जिसके तहत जानकारी साझा की गई है।
दोनों देश नियमित रूप से समुद्री सीमा का उल्लंघन करने के आरोप में एक-दूसरे के मछुआरों को गिरफ्तार करते हैं।
दरअसल, कच्छ और कराची तट के पास कई जगहों पर समुद्री रेखा ठीक तरीके से चिह्नित नहीं है, जिसके चलते मछुआरे दूसरे देश की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं।