कौन हैं DRDO के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर, जिन्हें पाकिस्तान ने हनीट्रैप में फंसाया?
महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (ATS) ने पुणे में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के लिए काम करने वाले एक वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर को गिरफ्तार किया है। कुरुलकर पर आरोप है कि वह पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव की एक महिला एजेंट के संपर्क में थे, जिसे वह कथित तौर पर व्हाट्सऐप और फोन कॉल के जरिए गोपनीय सूचनाएं उपलब्ध करा रहा थे। ATS के अधिकारियों ने बताया कि वो हनीट्रैप में फंसे थे। आइए मामले को विस्तार से समझते हैं।
कुरुलकर ने दुश्मन देश से साझा की गुप्त जानकारी- ATS
ATS ने अधिकारियों ने अनुसार, "DRDO के वैज्ञानिक कुरुलकर ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। उन्होंने दुश्मन देश पाकिस्तान को वह गुप्त जानकारी साझा की है, जो देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती है। सब कुछ जानते हुए भी उन्होंने ऐसा किया।" उन्होंने बताया कि कुरुलकर के खिलाफ गुप्त जानकारी साझा करने के आरोपों को लेकर आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है और मामले की जांच जारी है।
कौन है प्रदीप कुरुलकर?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुरुलकर DRDO की प्रमुख प्रणाली इंजीनियरिंग लैब, रिसर्च एंड डेवलपमेंट के डायरेक्टर हैं। उन्होंने 1985 में पुणे के इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में प्रथम श्रेणी से स्नातक की परीक्षा पास की और उसके बाद IIT कानपुर से एडवांस पावर इलेक्ट्रॉनिक्स में कोर्स किया। 1988 में कुरुलकर DRDO पुणे से जुड़े थे। उन्होंने मिसाइलों सहित DRDO के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम किया है।
मिसाइस लॉन्चर्स में है कुरुलकर की विशेषज्ञता- रिपोर्ट
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिक कुरुलकर मिसाइल डिजाइनर टीम के प्रमुख हैं और उनकी प्रोफाइल टीम लीडर और प्रमुख डिजाइनर की है। मिसाइल लॉन्चर्स समेत अत्याधुनिक रोबोटिक्स और सैन्य अनुप्रयोगों के लिए मोबाइल मानवरहित प्रणालियों के डिजाइन और विकास में उनकी विशेषज्ञता है। इसके अलावा कुरुलकर ने MRSAM, निर्भय सबसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम, प्रहार, QRSAM और XRSAM के लिए मिसाइल लॉन्चर बनाने में महत्वपूर्ण निभाई है, जिसके लिए उन्हें सरकार ने पुरस्कृत भी किया है।
वैज्ञानिक कुरुलकर को मिल चुके हैं कई पुरस्कार
कुरुलकर को उनके योगदान के लिए साल 2000 में सर्वश्रेष्ठ रिसर्च प्रकाशन के लिए विज्ञान दिवस पुरस्कार मिल चुका है। 2002 में आत्मनिर्भरता में उत्कृष्टता के लिए DRDO अग्नि पुरस्कार और 2008 में आकाश के लिए DRDO उत्कृष्ट प्रौद्योगिकी विकास पुरस्कार मिल चुका है। साल 2016 में उन्हें MRSAM की उत्कृष्टता के लिए और इसी साल DEMA द्वारा प्रौद्योगिकी की उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया गया गया था। कुरुलकर देश की कई प्रतिष्ठति वैज्ञानिक संस्थाओं के सदस्य भी हैं।