गिनी में अवैध हिरासत में लिए गए 16 भारतीय नाविकों ने सरकार से मांगी मदद
क्या है खबर?
मध्य अफ्रीका के पश्चिमी तट पर स्थित इक्वेटोरियल गिनी में तेल चोरी के आरोप में हिरासत में लिए गए जहाज के 26 सदस्यीय चालक दल में शामिल 16 भारतीय नाविकों ने सरकार से मदद मांगते हुए उन्हें अवैध हिरासत से रिहा कराने की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि उनकी हालत खराब है और उन्हें मदद की तत्काल जरूरत है।
विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा है कि सभी नाविकों की सुरक्षित वापसी के प्रयास जारी हैं।
प्रकरण
गिनी नौसेना ने 12 अगस्त को हिरासत में लिए थे नाविक
नाविकों ने ट्वीट किए गए एक वीडियो में बताया कि वो सभी नॉर्वे की एमटी हीरोइक इडुन कंपनी के जहाज पर सवार होकर कच्चा तेल भरने के लिए 8 अगस्त को नाइजीरिया के एकेपीओ टर्मिनल पहुंचे थे। उस दौरान नाइजीरिया ने तेल चोरी का आरोप लगा दिया।
इसके बाद 12 अगस्त को जहाज के गिनी की सीमा में प्रवेश करते ही वहां की नौसेना ने नाइजीरिया के इशारे पर जहाज को रोककर उन्हें हिरासत में ले लिया।
परेशानी
जुर्माना भरने के बाद भी नहीं छोड़ रही है गिनी की नौसेना
चालक दल के सदस्यों ने बताया कि तेल चोरी के आरोप के बाद उनकी कंपनी ने 20 लाख डॉलर (करीब 16.20 करोड़ रुपये) का जुर्माना भी भर दिया, लेकिन गिनी नौसेना जहाज को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।
उन्होंने बताया कि 14 अगस्त को नौ भारतीयों सहित चालक दल के 15 सदस्यों को मलाबो की होटल में बंधक बनाकर रखा गया है, जबकि 11 को जहाज पर ही रखा गया है। उनसे तीर बार पूछताछ की जा चुकी है।
तैयारी
नाविकों को नाइजीरिया को सौंपने की तैयारी कर रही गिनी नौसेना
नाविको ने बताया कि गिनी नौसेना उन्हें नारजीरिया को सौंपने की तैयारी कर रही है।
यही कारण है गिनी से निकलते ही नारजीरिया की नौसेना तैयार खड़ी है। ऐसे में यदि उन्हें छोड़ भी दिया जाता है तो उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि तीन महीने से बंधक बनाए जाने के कारण अधिकतर लोग बीमार पड़ने लगे हैं। कई लोग टाइफाइड का शिकार हो चुके हैं, लेकिन उन्हें उपचार मुहैया नहीं कराया जा रहा है।
अपील
चालक दल के सदस्यों ने सरकार से की मदद की अपील
चालक दल में शामिल 16 भारतीय सदस्यों ने ट्वीट के जरिए केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय से मदद की गुहार लगाई है।
उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर उनकी रिहाई में मदद करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह जगह बहुत संवेदनशील है और इसका अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता कि नाइजीरिया को सौंपे जाने के बाद वहां की सरकार भारतीयों के साथ कैसा व्यवहार करेगी। ऐसे में शीघ्र कदम उठाया जाना चाहिए।
जानकारी
जहाज पर कहां के कितने नाविक सवार हैं?
जहाज पर सवार 26 नाविकों में 16 भारतीय हैं। इनमें महाराष्ट्र के चार, केरल और तमिलनाडु के तीन-तीन, उत्तराखंड के दो, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और राजस्थान का एक-एक शामिल है। इसी तरह श्रीलंका के आठ तथा पोलिस और फिलीपिंस का एक-एक नाविक शामिल है।
चिंता
भारतीय नाविकों के परिजनों ने भी जताई चिंता
इधर, जहाज पर फंसे भारतीय नाविकों के परिजनों ने भी उनकी सुरक्षा पर चिंता जताते हुए सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।
उत्तराखंड निवासी सौरभ स्वार की पत्नी शोभा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है।
इसी तरह कानपुर निवासी गोविंद अरोड़ा और केरल निवासी वी विजित के परिजनों ने भी अपने-अपने राज्य के मुख्यमंत्रियों से मामले में कदम उठाते हुए उन्हें सुरक्षित वापस लाने की अपील की है।
आश्वासन
विदेश राज्य मंत्री ने दिया अपेक्षित कार्रवाई का आश्वासन
इस मामले के सामने आने के बाद विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी है और विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों को स्वदेश वापस लाने के प्रयास कर रहा है। इसी तरह नाविकों के नाइजीरिया में स्थानांतरण को रोकने के लिए मंत्रालय के अधिकारियों ने वहां के सरकारी अधिकारियों से संपर्क किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार मामले को प्रमुखता से ले रही है और सभी को जल्द ही भारत वापस लाया जाएगा।