नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन: मंगलुरू और लखनऊ में गोली लगने से तीन लोगों की मौत
गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में हुए प्रदर्शनों में तीन लोगों की मौत हो गई। मंगलुरू में पुलिस फायरिंग में दो और लखनऊ में गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। गौरतलब है कि नागरिकता कानून के खिलाफ गुरुवार को देश के कई शहरों में बड़े प्रदर्शन हुए थे। अधिकतर जगहों पर प्रदर्शन शांत रहे, लेकिन कुछ शहरों में असामाजिक तत्वों ने तोड़फोड़ और आगजनी की। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
मंगलुरू में हुईं सबसे हिंसक झड़प
कर्नाटक के मंगलुरू शहर में प्रदर्शन उस वक्त हिंसक झड़प में बदल गया, जब भीड़ ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शुरू किया। कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस से उलझने की भी कोशिश की। भीड़ ने एक पुलिस थाने को जलाने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने फायरिंग की। इसमें दो प्रदर्शनकारी 49 वर्षीय जलील बांगरे और 23 वर्षीय नौसीन कुदरौल की गोली लगने से मौत हो गई।
लखनऊ में कई वाहन आग के हवाले
लखनऊ में प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और आगजनी की। भीड़ ने दो पुलिस पोस्ट, तीन OB वैन, छह कार और एक सरकारी बस को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से मोहम्मद वकील नामक युवक की मौत हो गई। हालांकि, पुलिस का कहना है कि उसने प्रदर्शनकारियों पर एक भी गोली नहीं चलाई। इस बात की जांच की जा रही है कि युवक की मौत किसकी गोली लगने से हुई है।
उत्तर प्रदेश में लागू थी धारा 144
गुरुवार को होने वाले प्रदर्शनों को देखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूरे राज्य में धारा 144 लागू कर दी थी। शाम तक कानून का उल्लंघन करने पर पुलिस ने 172 लोगों को गिरफ्तार किया और लगभग 1,500 लोगों को हिरासत में लिया था।
दिल्ली में दो स्टेडियम को बनाया गया अस्थायी लॉक-अप
देश की राजधानी दिल्ली में भी 'हम भारत के लोग' के बैनर तले बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए। पुलिस ने नांगलोई के महाराजा सुरजमल स्टेडियम और बवाना के राजीव गांधी स्टेडियम को अस्थायी लॉक-अप बनाया था। यहां पर लगभग 400 प्रदर्शनकारियों को छह घंटे तक रखा गया। दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे लोगों में लगभग 1,200 लोगों को हिरासत में लिया गया था। पुलिस का कहना था कि उसने इन प्रदर्शनों की इजाजत नहीं दी थी।
सात बजे रिहा किए गए हिरासत में बंद लोग
दिल्ली से हिरासत में लिए गए बड़े नामों में कांग्रेस के संदीप दीक्षित, स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव और वामपंथी नेता सीताराम येचुरी और डी राजा आदि शामिल थे। इनके अलावा कई कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया। पुलिस ने उसने हिरासत में लिए सभी लोगों को सात बजे रिहा कर दिया था। प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली में मेट्रो और इंटरनेट सेवाओं पर आंशिक प्रतिबंध रहा। कई इलाकों में मोबाइल और SMS सेवाओं पर भी रोक रही।
बेंगलुरू में शांतिपूर्वक हुए प्रदर्शन
गुरुवार को बेंगलुरू में भी बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए। पुलिस ने यहां पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे जानेमाने इतिहासकार रामचंद्र गुहा समेत लगभग 1,000 लोगों को हिरासत में लिया। बेंगलुरू IIM के छात्रों और शिक्षकों ने तीन-तीन के समूह में जुलूस निकाला।
मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में जुटी भीड़
मुंबई के ऐतिहासिक अगस्त क्रांति मैदान में नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में लगभग 25,000 लोगों ने भाग लिया। छात्रों की अगुवाई वाले इस प्रदर्शन में फरहान अख्तर, जिम सरभ, सुशांत सिंह, स्वरा भास्कर, हुमा कुरैशी और फिल्मकार राकेश ओमप्रकाश मेहरा जैसी कई बॉलीवुड शख्सियतों ने भाग लिया। मुंबई पुलिस ने प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए थे। प्रदर्शनकारियों में छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर उम्र के लोग शामिल हुए।
इसलिए नागरिकता कानून के खिलाफ सड़कों पर हैं लोग
बता दें कि नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में लोग सड़कों पर हैं और इसका विरोध कर रहे हैं। इस कानून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक अत्याचार के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। मुस्लिमों के इससे बाहर रखने जाने के कारण इसे भारत के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ बताया जा रहा है और इसका विरोध हो रहा है।